हाथरस कांड के बाद यूपी में हिंसा भड़काने की साजिश रचने वालों के खिलाफ पुलिस का चाबुक चलने लगा है।इस मामले में हाथरस समेत करीब आधा दर्जन जिलों में हिंसा भड़काने की साजिश रचने की 13 एफआईआर दर्ज की गयी हैं।
ये एफआईआर हाथरस के अलावा बुलंदशहर, प्रयागराज, अयोध्या और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में दर्ज हुई हैं जिनमें कहा गया है कि कतिपय लोगों व संगठनों ने प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाने की नीयत से सरकार को बदनाम करने के लिए पीड़ित परिवार के घर के आसपास भ्रामक सूचनाओं से उन्माद फैलाने की साजिश रची।
इसके अलावा पोस्टरों, सोशल मीडिया पोस्ट और अफवाहों के जरिए माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। इस साजिश को अंजाम देने के लिए विदेश से फंडिंग होने के प्रमाण भी मिल रहे हैं। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इस बाबत कहा कि एक षड्यंत्र और साजिश के तहत सूबे का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है।
हम सबूतों के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं, कई एजेंसियां इस मामले में जांच कर रही हैं।एडीजी ने कहा कि पहला मुकदमा हाथरस के चंदपा थाने में दर्ज हुआ है। हाथरस की घटना से अमन चैन बिगाड़ने का प्रयास कुछ लोगों ने किया है। एक वायरल आडियो से भी माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया।
हाथरस में तैनात अधिकारियों से उलझने, बैरिकेडिंग तोड़ने का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी थाना सासनी में एक एफआईआर हुई है। हाथरस जिले में कुल छह एफआईआर दर्ज हुई है। वही लखनऊ में आपत्तिजनक पोस्टर लगाने वाले दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं।