दिल्ली के कल्याणपुरी स्थित खिचड़ीपुर इलाके में अपनी जमीन मुक्त कराने गए दिल्ली विकास प्राधिकरण के दस्ते को भारी विरोध झेलना पड़ा।हालांकि प्राधिकरण का कहना है कि पर्याप्त पुलिस बल न मिलने एवं स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद डीडीए ने करीब 2 बीघा जमीन अतिक्रमण के मुक्त करवा ली।
सूत्रों का कहना है कि खसरा नंबर 310/1-2/2 को लेकर उच्च न्यायलय में विवाद चल रहा है।न्यायालय ने इसी महीने 6 मई को कई लोगों के दावों को खारिज करते हुए 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।डीडीए का कहना है कि उपरोक्त जमीन फिलहाल इंजीनियरिंग विभाग के अधीन है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण का दस्ता दोपहर करीब 12 बजे पहुंचा और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की।आरोप है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होते ही आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक कुलदीप कुमार विरोध करने पहुंच गए।अतिक्रमण विरोधी अभियान में बाधा पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
डीडीए ने भी माना है कि पर्याप्त पुलिस बल न मिलने से अतिक्रमण विरोधी अभियान सफलतापूर्वक नहीं चल सका, लेकिन इसके बाद भी डीडीए ने दो बीघा जमीन अतिक्रमण से मुक्त करवा ली है।पुलिस ने कहा कि ध्वस्तीकरण अभियान में शामिल सरकारी एजेंसियों की सुरक्षा के लिएपर्याप्त संख्या में तैनाती की गई है।जिम्मेदारी कानून-व्यवस्था को बनाए रखना और अभियान के दौरान कोई अप्रिय घटना ना हो यह सुनिश्चित करना है।
उल्लेखनीय है कि उ पिछले एक महीने में दिल्ली के तीनों नगर निगमों द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है और शाहीन बाग, जहांगीरपुरी, मदनपुर खादर, न्यू फ्रेंड्स कालोनी, मंगोलपुरी, रोहिणी, गोकुलपुरी, लोधी कालोनी, रिठाला, जनकपुरी, हरीनगर और ख्याला सहित तमाम इलाकों में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।