नरेंद्र मोदी सुबह करीब सात बजे महात्मा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने उनके समाधि स्थल पहुंचे। इसके बाद वे शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वॉर मेमोरियल पहुंचे। मोदी का शपथ ग्रहण समाराेह शाम 7 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होगा।
इसमें नेपाल, भूटान, मॉरिशस के प्रधानमंत्री, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार के राष्ट्रपति, थाईलैंड, किर्गिस्तान के प्रमुख शामिल होंगे। इन मेहमानों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। पिछली बार सार्क देशों के प्रमुख शामिल हुए थे, जिसमें पाकिस्तान भी शामिल था। इस बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री काे नहीं बुलाया गया है।
सूत्राें के मुताबिक इस बार 65 मंत्री हो सकते हैं। इनमें 16 नए चेहरे संभव हैं। 2014 में 45 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। हालांकि बाद में कुल मंत्रियों की संख्या 76 हो गई थी। समारोह में शामिल होने के लिए सभी मुख्यमंत्रियाें काे न्योता दिया गया है। पर प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने समारोह में आने से मना कर दिया है।
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह ने न्याेता स्वीकार कर लिया है। समारोह में करीब 8 हजार मेहमान शामिल होंगे।अमित शाह 24 जनवरी 2016 को भाजपा के दूसरी बार अध्यक्ष बनाए गए थे। 23 जनवरी 2019 को उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है। चुनाव तक के लिए कार्यकाल बढ़ाया गया है।
भाजपा में किसी को दो बार से अधिक अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है। इसलिए कयास है कि शाह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। चूंकि भाजपा सरकार दूसरी पारी में विकास के एजेंडे पर फोकस करना चाहती है, इसलिए सूत्रों का मानना है कि वित्त मंत्रालय ऐसे व्यक्ति को मिलेगा जो विकास का एजेंडा चला सके।
इसके लिए सबसे विश्वस्त और मजबूत नेता की जरूरत है। इसलिए भी पूरी संभावना है कि शाह वित्तमंत्री बनाए जाएंगे।गृह मंत्रालय के लिए राजनाथ सिंह का नाम तय माना जा रहा है। उधर, विदेश और रक्षा मंत्रालय के लिए नितिन गडकरी व निर्मला सीतारमण के नाम की चर्चा है।
उधर, रेल मंत्रालय के लिए पीयूष गोयल की दावेदारी मजबूत है। स्मृति ईरानी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जा सकता है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच जदयू के सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर चर्चा हुई।
उधर, राम विलास पासवान को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट जीतने वाली एआईएडीएमके के सांसद को भी मंत्री पद मिल सकता है।केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार काे प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी काे चिट्ठी लिखी।
इसमें उन्हाेंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए नई सरकार में काेई जिम्मेदारी नहीं दिए जाने का अनुराेध किया। इसके बाद माेदी रात काे 8:50 बजे जेटली के आवास पर मिलने पहुंचे और उनका हालचाल जाना। माेदी जेटली के पास करीब आधे घंटे रहे। जेटली की पूरी चिट्ठी पढ़ें…
आदरणीय प्रधानमंत्रीजी
आपके नेतृत्व में पांच साल सरकार का हिस्सा रहना मेरे लिए बहुत सम्मान और गर्व की बात है। इस दाैरान मुझे बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। इससे पहले एनडीए की पहली सरकार में भी मुझे काम करने का सौभाग्य मिला। पार्टी संगठन और यहां तक कि विपक्ष में भी जिम्मेदारी दी गई। मैंने इससे अधिक कभी कुछ नहीं चाहा। मैं करीब 18 माह से गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझ रहा हूं। डॉक्टरों ने अधिकांश मौकों पर मुझे इन चुनौतियों से उबारा है।
चुनाव प्रचार अभियान पूरा हाेने औरर आपके केदारनाथ यात्रा पर रवाना होने के पहले मैंने आपसे मौखिक रूप से अनुरोध किया था कि प्रचार अभियान के दौरान पार्टी ने मुझे जाे जिम्मेदारी साैंपी, उसे मैंने पूरा किया। लेकिन भविष्य में मैं किसी जिम्मेदारी से दूर रहना चाहूंगा, ताकि मैं अच्छे से अपना इलाज करा सकूं और स्वास्थ्य लाभ ले सकूं। आपके नेतृत्व में भाजपा और एनडीए ने शानदार जीत दर्ज की है। नई सरकार कल अपना कार्यभार संभालेगी।
मैं आपसे अब औपचारिक रूप से आग्रह कर रहा हूं कि मुझे अपने लिए, अपने इलाज के लिए, अपने स्वास्थ्य के लिए समय देने और अभी नई सरकार में शामिल नहीं होने की अनुमति दी जाए। सरकार में नहीं हाेने पर मेरे पास काफी वक्त होगा और सरकार एवं पार्टी के लिए मैं अनौपचारिक रूप से कुछ ना कुछ करता रहूंगा।
सादर।
आपका अरुण जेटली