प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरों की रक्षा करने वाली 12 बच्चियों समेत देश के 25 बहादुर बच्चों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किये.प्रधानमंत्री ने एक भव्य समारोह में इन नौनिहालों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार -2016 से नवाज कर उनकी हौसला अफजाई की. प्रधानमंत्री ने इन बच्चों की वीरगाथाएं भी सुनीं. मोदी ने 21 बच्चों को और उन चार बच्चों के अभिभावकों को ये पुरस्कार प्रदान किये जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कृत किया गया.
मोदी ने पश्चिम बंगाल की तेजस्विता प्रधान और शिवानी गोंड को संयुक्त रूप से गीता चोपड़ा पुरस्कार तथा उत्तराखंड के सुमित ममगई को संजय चोपडा पुरस्कार से नवाजा. बापू गैधानी पुरस्कार मिजोरम की रोलुआपुई ,छत्तीसगढ के तुषार वर्मा और मिजोरम की ही एच लालरियातपुई (मरणोपरांत ) प्रदान किया गया. जम्मू कश्मीर की पायल देवी, अरूणाचल प्रदेश की तार पीजू को भी (मरणोपरांत) भारत अवार्ड दिया गया.
मोदी ने लखनऊ की अंशिका पांडे, छत्तीसगढ़ की कुमारी नीम ध्रुव, ओडिशा के मोहन सेठी, असम के टंकेर पीगू, केरल के आदित्यन एम पी पिल्लई, केरल के ही बिनिल मंजली और अखिलेश तथा बदरूनिशा के पी, दिल्ली के नमन, राजस्थान के सोनू माली, हिमाचल प्रदेश के प्रफुल्ल शर्मा, महाराष्ट्र की निशा दिलीप पाटिल, कर्नाटक की सिया वामनासा खोडे, मणिपुर के एम एस सिंह और नागालैंड के टी लुनकिम को भी निस्वार्थ भाव से अदम्य साहस का परिचय देने के लिए पुरस्कृत किया.
इस मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी और भारतीय बाल कल्याण परिषद की अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ भी उपस्थित थीं. इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ पटियाला ने राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार विजेता बच्चों को यहां सम्मानित किया.