अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए नीव की डिजाइन में राफ्ट को लेकर आंशिक परिवर्तन किया गया है. अब राम मंदिर की नीव 44 की जगह 48 लेयर पर टिकेगी. यही नहीं 44 लेयर पर बनने वाली राफ्ट की मोटाई कम की गई है.
पहले की डिजाइन के अनुसार राफ्ट की मोटाई ढाई मीटर की थी जिसे घटाकर अब डेढ़ मीटर कर दी गई है.राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महामंत्री चम्पत राय का कहना है कि राम मंदिर निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए नीव की डिजाइन के साथ राफ्ट की डिजाइन में आंशिक परिवर्तन किया गया है.
जहां पहले रॉक की मोटाई ढाई मीटर रखी गई थी अब उसको घटाकर डेढ़ मीटर कर दी गई है. वहं, जहां नीव की डिजाइन के अनुसार 44 लेयर का निर्माण होना था. अब उसमें 4 लेयर और बढ़ा दी गई है. अब 48 लेयर पर राम मंदिर का निर्माण होगा और 44 लेयर के बाद 4 लेयर जो बढ़ी है 4 फीट ऊंचा हो गया है.
चम्पत राय ने बताया कि फिलहाल 42 लेयर बनकर तैयार हो चुके हैं. 2 दिन के अंदर एक लेयर का निर्माण किया जा रहा है. राम मंदिर निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है. उम्मीद है की 20 सितंबर के करीब लेयर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और उसके बाद राफ्ट का निर्माण शुरू होगा.
जो पूरा होते-होते अक्टूबर तक तैयार होगा और विंध्यवासिनी धाम मिर्जापुर के लाल बलुआ पत्थरों से अक्टूबर के लास्ट या नवंबर के प्रथम सप्ताह में प्लिंथ का निर्माण शुरू हो जाएगा.अभी राम मंदिर निर्माण कार्य निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो और टाटा कंसल्टेंसी कर रही है. 24 घंटे दो शिफ्ट में लगातार कार्य किया जा रहा है.
लेयर का निर्माण का कार्य चल रहा है. 12 इंच की एक लेयर डाली जा रही है. जिसको कंप्रेस करके 10 इंच की एक लेयर निर्मित हो रही है. डॉ अनिल मिश्र का कहना है कि राफ्ट की डिजाइन में परिवर्तन किए जाने से राम मंदिर निर्माण में कम वक्त लगेगा. साथ ही राम जन्मभूमि मंदिर एक हजार वर्षों तक हर मौसम में सुरक्षित रहेगा.