महंगाई को लेकर विपक्ष ने किया राज्यसभा-लोकसभा में हंगामा

महंगाई, कुछ आवश्यक खाद्य पदार्थों पर वस्तु एवं सेवा कर लगाए जाने और रक्षा सेवाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाहीएक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन की बैठक शुरु हुई वैसे ही विपक्षी दलों ने हंगामा और नारेबाजी शुरु कर दी। सदस्य महंगाई के खिलाफ नारबाजी कर रहे थे और सरकार से कई आवश्यक पैकेट बंद खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे।

हंगामे के बीच ही उपसभापति हरिवंश ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2022 पेश करने को कहा।उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अनुरोध किया कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है, इसलिए वे व्यवधान ना उत्पन्न करें।

हालांकि हंगामे के बीच ही जयशंकर ने यह विधेयक पेश किया।उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से बार-बार अनुरोध किया कि वे अपने स्थानों पर लौट जाएं और विधेयक पर चर्चा होने दें लेकिन उनकी एक ना सुनी गई।लिहाजा उन्होंने पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले सुबह भी सदन की कार्यवाही आरंभ होने के पांच मिनट के भीतर ही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। सुबह जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहना चाहा। लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें अनुमति नहीं दी।

इसके बाद सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए।नायडू ने बताया कि नियम 267 के तहत खड़गे सहित कई अन्य सदस्यों ने महंगाई और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं लेकिन उन्होंने उन्हें स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अन्य मौकों पर इन मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।

इस पर विरोध जताते हुए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया।हंगामे के कारण नायडू ने 11 बज कर करीब पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।ज्ञात हो कि सोमवार को सत्र के पहले दिन भी इन्हीं सब मुद्दों पर हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही एक घंटे के भीतर ही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।

कांग्रेस के खड़गे सहित कुछ अन्य नेताओं और द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरूची शिवा तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एलामारम करीम ने महंगाई, पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्यों में वृद्धि और हाल ही में दूध और दही सहित कई खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे।

कांग्रेस के ही दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अग्निपथ योजना के मुद्दे पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था जबकि राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने अग्निपथ योजना के असर और रेलवे में भर्ती के अवसरों से युवाओं को वंचित करने के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

आम आदमी पार्टी के राघव चड्डा ने केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर गठित समिति के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।संसद के मानसून सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई थी। विपक्षी सदस्यों ने इन्हीं सब मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग करते हुए कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे।

हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने इन्हें अस्वीकार कर दिया था।संसद के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, अग्निपथ योजना, जीएसटी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भारी शोर-शराबा किया जिसके कारण मंगलवार को सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति किरीटभाई सोलंकी ने आवश्यक दस्तावेज सभापटल पर रखवाए । इस दौरान विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर बैठने का आग्रह करते हुए सोलंकी ने कहा यह सदन चर्चा के लिए है।

आप सभी को गरिमापूर्ण चर्चा करनी चाहिए। कई सदस्य अपने प्रश्न उठाना चाहते हैं, शून्यकाल में अपने विषय उठाना चाहते हैं।हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने करीब 2:05 बजे बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।इससे पहले आज सुबह निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा।

लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी जीएसटी और महंगाई को लेकर विपक्षी दलों ने लोक सभा में जमकर हंगामा किया। मंगलवार को सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, एनसीपी और लेफ्ट सहित अन्य पार्टियों ने जीएसटी और महंगाई का मुद्दा उठाना शुरू किया।

स्पीकर द्वारा प्रश्नकाल शुरू कर देने के बाद विपक्षी दलों के सांसद जीएसटी और महंगाई को लेकर बनाए गए तख्तियों को लेकर सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी करते हुए विपक्षी सांसद स्पीकर के आसन के समक्ष पहुंच गए।विपक्षी दलों के हंगामे के बीच लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की।

उन्होंने सदन में तख्तियां लहराने और हंगामा कर रहे सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा कि नियम 349 के सदन के अंदर तख्तियां लेकर आना उचित नहीं है और सदन के अंदर सभी को मर्यादा का पालन करना चाहिए।बिरला ने आगे सांसदों से अपील करते हुए कहा कि सांसदों ने किसानों के समर्थन मूल्य को लेकर महत्वपूर्ण प्रश्न लगाए हैं, इसलिए सदन चलने देना चाहिए।

हंगामा लगातार जारी रहने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बिरला ने आगे कहा कि पिछले सत्र में भी उन्होंने महंगाई पर चर्चा को मंजूरी दी थी लेकिन सदन के बाहर किसानों और महंगाई की बात करने वाले आप लोग (विपक्षी सांसद) सदन में इस पर चर्चा ही नहीं करना चाहते, जो गलत है।लोक सभा अध्यक्ष की अपील, फटकार और नाराजगी जाहिर करने के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा जिसे देखते हुए बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

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