भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद भारत ने म्यांमार के साथ सुरक्षा सहयोग पर बातचीत की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बुधवार को म्यांमार के राष्ट्रपति यू. थेइन सेइन और अन्य नेताओं से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि बातचीत में भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा सहयोग और समन्वय को जारी रखने और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की गई। डोवाल और जयशंकर एक दिन की म्यांमार यात्रा पर आए थे। उन्होंने म्यांमार के विदेश मंत्री और सेना के कमांडर-इन-चीफ से भी मुलाकात की। डोवाल नौ जून को की गई सेना की कार्रवाई से जुड़े हुए थे। भारत ने मई 2014 में म्यांमार के साथ सीमा समझौता किया था। समझौते में सुरक्षा सहयोग और दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचना के आदान-प्रदान को शामिल किया गया था। समझौते का मुख्य प्रावधान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दोनों देशों द्वारा अपनी-अपनी तरफ समन्वय बनाकर गश्ती करना था।
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने म्यांमार के क्षेत्र में बने पूर्वोत्तर के उग्रवादियों के दो कैंपों को ध्वस्त कर दिया था। मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में हाल के हमलों में शामिल एनएससीएन (के) और केवाईकेएल के उग्रवादी वहां छिपे थे। एनएससीएन (के) के साथ संघर्षविराम पर एक राय नहीं नई दिल्ली : पूर्वोत्तर के उग्रवादियों के मामले देख रहा सरकार का एक गुट एनएससीएन (के) के साथ शांति वार्ता के अचानक रोक देने से अप्रसन्न है। गृह मंत्रालय की एनएससीएन (के) के साथ संघर्षविराम जारी रखने की इच्छा के बावजूद 27 मार्च को यह समझौता अचानक तोड़ दिया गया। नगा वार्ताकार आरएन रवि इससे नाराज बताए जाते हैं और उन्होंने गृह मंत्रालय द्वारा विद्रोही नगा गुट के मामले को गलत तरीके से निपटाने पर पीएमओ को अवगत करा दिया है।