दिल्ली सरकार ने सभी शराब विक्रेताओं, होटलों, क्लब, बार और पब को कम उम्र के ग्राहकों को शराब की बिक्री करने और शराब परोसने के प्रति चेताते हुए कहा कि नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ लाइसेंस रद्द करने सहित कड़ी कार्रवाई की जाएगी. दिल्ली आबकारी नियम के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में 25 साल से कम उम्र के लोगों को शराब परोसना अपराध है और सरकार कड़ाई से इसका पालन कराएगी.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि ग्राहक की उम्र के बारे में किसी तरह का संदेह होने पर शहर के क्लब, बार, पब, शराब विक्रेता ‘‘उम्र का सबूत’’ दिखाने के लिए कह सकते हैं जिससे कि पता चले की खरीदार की उम्र 25 साल से कम नहीं है.अधिकारी ने कहा दिल्ली आबकारी कानून 2009 की धारा 23 के तहत कोई भी व्यक्ति या लाइसेंसधारी विक्रेता या उसका कर्मचारी या एजेंट 25 साल से कम उम्र के लोगों को शराब की बिक्री या आपूर्ति नहीं कर सकते.
हम कम उम्र के ग्राहकों को शराब परोसना या बिक्री करने को गंभीर अपराध मानते हैं. अधिकारी के मुताबिक दिल्ली आबकारी कानून के तहत दोषी प्रतिष्ठानों के खिलाफ अपराध साबित होने पर लाइसेंस निलंबित या रद्द और भारी जुर्माना लगाए जाने सहित कड़ी कार्रवाई की जा सकती है .
पिछले साल गैर लाभकारी संगठन कम्युनिटी एगेंस्ट ड्रंकन ड्राइविंग (सीएडीडी) के सर्वेक्षण में दावा किया गया था कि दिल्ली में मद्यपान की कानूनी उम्र 25 साल है लेकिन 18-25 साल के उम्रवर्ग के 67 फीसद लोगों का कहना है कि वे जब कभी दुकानों पर शराब लेने जाते हैं तो उनसे उम्र प्रमाणपत्र नहीं मांगा जाता है.
दिलचस्प तो यह है कि दुकानों या बारों में उनमें से कभी किसी को मद्यमान की कानूनी उम्र के बारे में बताया भी नहीं गया. सीएडीडीके के संस्थापक प्रिंस सिंघल ने कहा कि नाबालिगों को शराब की बिक्री पर दिल्ली आबकारी कानून के क्रियान्वयन का असर जानने के लिए एक जून-31 अगस्त के बीच यह सर्वेक्षण किया गया.
दिल्ली के करीब 6000 लोगों पर यह सर्वेक्षण किया गया था. उनमें से 3,976 पुरुष और 2,024 महिलाएं थीं. उनमें 18-25 उम्र के 3,422 लोग थे. सर्वेक्षण के अनुसार कम उम्र के लोगों द्वारा मद्यपान, खरीद और बिक्री से जुड़ा कानून धरातल पर कहीं नजर ही नहीं आता जबकि दिल्ली के आबकारी विभाग के अनुसार कम उम्र के लोगों को शराब की बिक्री के निमयों का जब भी उल्लंघन किया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाती है.