पटना के नगर निगम में पिछले कुछ महिनों से जारी घमासान पर अब विराम लग गया है. डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज मुहर लग गई. इसके साथ ही डिप्टी मेयर मीरा देवी की कुर्सी भी चली गई. वहीं अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जमकर बवाल हुआ.
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान 74 में 38 पार्षदों ने मीरा देवी के खिलाफ वोटिंग की. वहीं, कुर्सी गंवाने के बाद मीरा देवी ने वोटिंग में धांधली का आरोप लगाया. फिलहाल डिप्टी मेयर की कुर्सी तो चली गई लेकिन सवाल ये है कि अब पटना का अगला डिप्टी मेयर कौन होगा?
अविश्वास प्रस्ताव पर दोपहर 12 बजे सबसे पहले चर्चा हुई, इसके बाद वोटिंग हुई. डिप्टी मेयर के विपक्षी पार्षदों ने जहां जमकर वोटिंग की तो दूसरी तरफ मीरा देवी के पक्ष में ज्यादा उत्साह नहीं दिखा. पटना की मेयर सीता साहू के पक्ष में पार्षदों ने जमकर वोटिंग.
वहीं डिप्टी मेयर और मेयर के बीच की ये जंग चर्चा का विषय है, क्योंकि दोनों बीजेपी से जुड़े हुए हैं. मीरा देवी के खिलाफ 29 पार्षदों ने अविश्वास लाने की मांग की थी, जिसपर 2 घंटे तक बहस के बाद वोटिंग हुई. अविश्वास प्रस्ताव में डिप्टी मेयर के हारने के बाद मेयर सीता साहू और उनके समर्थकों ने जमकर खुशी मनाई.
मेयर सीता साहू ने कहा कि, मीरा देवी ने मेरे उपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, लेकिन इसको लेकर कोई सबूत नहीं पेश कर सकीं. अविश्वास प्रस्ताव में 38 पार्षदों ने मतदान किया, 2 लोगों ने पक्ष में वोटिंग की जबकी 14 पार्षदों का मत अवैध माना गया. 20 पार्षद वोटिंग से दूर रहे। पिछले 4 साल के दौरान पटना के दो डिप्टी मेयर विनय कुमार पप्पू और मीरा देवी को कुर्सी गंवानी पड़ी है.