कोरोना की तीसरी लहर के लिए पहले से ही तैयार रहने की आवश्यकता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश को कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि यह अधिक खतरनाक हो सकती है खासकर बच्चों के लिए। ऐसे में कोर्ट ने ऑक्सीजन का बफर स्टॉक तैयार किए जाने पर जोर दिया।

शीर्ष कोर्ट केंद्र से कहा कि वह अगले आदेशों तक दिल्ली की 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति में कमी न करे और समूचे देश की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कवायद को तर्कसंगत बनाना सुनिश्चित करे।

कोर्ट ने कहा कि कोविड-19 रोगियों के उपचार के प्रयासों के बावजूद दिल्ली में लोग मर रहे हैं और इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अनेक लोगों की मौत प्राणवायु की कमी की वजह से हुई है।

कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को स्पष्ट किया कि वह देश की शीर्ष अदालत को दोनों के बीच दोषारोपण का आधार नहीं बनने देगा क्योंकि दोनों सरकार ऑक्सीजन के आवंटन और आपूर्ति के मुद्दे पर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त हैं।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने कहा हमें कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है जिसके कुल मिलाकर अलग मापदंड हो सकते हैं। हमें उसके लिए तैयार रहना होगा। हमने पढ़ा है कि कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि तीसरी लहर अधिक हानिकारक होगी, खासकर बच्चों के लिए।

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