सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा मुस्‍लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड स्कूलों में योग और गीता पढ़ाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में और पुरातत्व विभाग के कब्जे वाली मस्जिदों में नमाज की इजाजत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगा। सोमवार को लखनऊ में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में इस पर फैसला लिया गया।बीजेपी शासित जिन तीन राज्यों के स्कूलों के पाठयक्रम में गीता को शामिल किया जा रहा है, उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी। यह याचिका 29 जून को राजस्थान हाईकोर्ट में होने निर्णय के बाद की जाएगी। बोर्ड के विधि कमेटी मुखिया जफरयाब जिलानी ने बताया कि पुरातत्व विभाग के आधीन दिल्ली की मस्जिदों में नमाज की इजाजत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की जाएगी।

दूसरी ओर, सीएम अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर मौलाना डाॅ. कल्बे सादिक के नेतृत्व में आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि शादी के बाद बेटियों को पिता की जायदाद में भी हिस्‍सा मिलना चाहिए। बोर्ड के महासचिव निजामुद्दीन का कहना था कि इस्‍लाम में शादीशुदा और अविवाहित लड़कियों में कोई फर्क नहीं रखा गया है, जबकि पुराने कानून में सिर्फ अविवाहित लड़कियों को पिता की संपत्ति में हिस्सा मिलता है। इस कानून में परिवर्तन को लेकर बोर्ड ने राजस्‍व संहिता 2015 का ड्राफ्ट तैयार कर रहे अपर महाधिवक्‍ता राज बहादुर सिंह से इच्‍छा जाहिर की है।

दरअसल, यूपी के सीएम अखिलेश यादव अब किसानों के राजस्व या फिर जमीन से जुड़े मुद्दों को घर के दरवाजे पर ही सुलझाने की दिशा में काम कर रहे हैं। किसानों के मामलों को निपटाने की प्रक्रिया को सरल बनाने और भूमि संबंधी विधियों को संहिताबद्ध करने के लिए राजस्व संहिता, 2015 का प्रारूप तैयार करने के लिए राज बहादुर सिंह यादव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। इसी प्रक्रिया के तहत राजस्व संहिता ड्राफ्टिंग कमेटी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से मुलाकात कर नई राजस्व संहिता बनाने के लिए उनके सुझाव मांगे थे।

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