यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं में ईवीएम, महाराष्ट्र चुनाव और अन्य राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा हुई।
इससे पहले राज ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को ईवीएम के बजाय बैलेट से कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से जनता का विश्वास डिग गया है।मुलाकात के बाद ठाकरे ने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। पांच पेज के इस पत्र का शीर्षक देश में चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास को वापस लाना है।
इसमें विधानसभा चुनाव परंपरागत बैलेट पेपर से कराने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि जनता के मन में संदेह है कि उनका वोट उनके चुने हुए प्रत्याशी को नहीं जाता। आयोग को दोबारा बैलेट से चुनाव कराना चाहिए।
ठाकरे ने कहा कि हमें आशंका है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ संभव है। उन्होंने मीडिया रिपोेर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 220 लोकसभा सीटों पर गिनती के वक्त वोटों और डाले गए वोटों में अंतर था। इससे संदेह पैदा होता है।
यह संदेह तब और बढ़ जाता है, जब चुनाव आयोग इस जानकारी को वेबसाइट से हटा लेता है।उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले कुछ समय में चुनाव हुए हैं, उसको लेकर कई संगठनों ने ईवीएम को लेकर उनसे असंतोष जताया है।
एमएनएस ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि, राज ठाकरे ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रचार किया था। उनकी पार्टी 2009 और 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ चुकी है।