पुणे हिंसा के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा हुआ। राज्यसभा पहले 12 बजे तक फिर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। बीएसपी ने आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस दलितों को टॉर्चर कर रहे हैं। कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस हिंसा को लेकर सदन में अपना बयान भी दे सकते हैं।
सरकार की चिंता राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल को लेकर भी है। अगर अपर सदन में भी हंगामा हुआ तो सरकार को बिल पेश करने में दिक्कत आ सकती है।जन अधिकार पार्टी और मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने भीमा कोरेगांव हिंसा पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।सीपीआई नेता डी.राजा ने दलितों पर बढ़ते टॉर्चर को लेकर राज्यसभा में जीरो अवर नोटिस दिया।
पुणे हिंसा पर ही कांग्रेस नेता रजनी पाटिल ने राज्य सभा और मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोक सभा में स्थगन प्रस्ताव दिया।सपा नेता नरेश अग्रवाल ने भी रूल 267 के तहत राज्य सभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।अनंत कुमार ने कहा कि बुधवार को संसद में दो बिलों पर चर्चा होगी। पहला बिल संविधान में 123वां संशोधन विधेयक है, जिससे ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा मिलेगा।
दूसरा बिल तीन तलाक विधेयक है। इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। लोकसभा में तीन तलाक बिल पास हो चुका है।ये हिंसा सोमवार को शुरू हुई, जब दलितों का एक समूह भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह के कार्यक्रम में जा रहा था। इस बीच वढू बुद्रुक इलाके में छत्रपति शंभाजी महाराज के दर्शन करने जा रहा दूसरा गुट रास्ते में आ गया। यहां कहासुनी से बढ़कर बात हिंसा में बदल गई।
इस हिंसा में एक युवक की मौत हो गई। 50 गाड़ियों में आग लगा दी गई।दरअसल 1818 में भीमा-कोरेगांव में अंग्रेजों और पेशवा के बीच युद्ध हुआ था। अंग्रेजों ने दलितों की मदद से पेशवा को हरा दिया। तब से हर साल दलित इस जीत का जश्न मनाते हैं। पर कभी हिंसा नहीं हुई। इस बार साढ़े तीन लाख लोग जुटे थे।