गुरुग्राम में लम्पी वायरस से संक्रमित होने से 93 मवेशियों की मौत हो गई है, जबकि गुरुग्राम, सोहना और पटौदी क्षेत्रों में मवेशियों में संक्रामक बीमारी के 890 मामले पाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज तेजी से फैल रहा है, लेकिन यह न तो जानवरों से और न ही गाय के दूध से इंसानों में फैलता है।
पशुपालन और डेयरी की उप निदेशक डॉ. पुनीता गहलावत ने बताया कि लम्पी वायरस की बीमारी के एक तिहाई मामले ठीक हो गए हैं और गुरुग्राम में लगभग 71,000 मवेशियों को वायरस से बचाने के लिए टीका लगाया गया है।
गहलावत ने मालिकों से लंपी वायरस के लक्षण दिखाने वाले मवेशियों को अलग-थलग करने की अपील की, जिसमें तेज बुखार, दूध उत्पादन में कमी, त्वचा की गांठें, भूख न लगना, नाक से पानी निकलना और आंखों में पानी आना शामिल हो सकते हैं।उन्होंने कहा गुरुग्राम में मामलों की संख्या कम है। हमने तुरंत प्रतिक्रिया दी है और बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।