एलटीसी फर्जीवाड़ा मामले में बिहार से जेडीयू सांसद अनिल कुमार साहनी पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने जदयू सांसद अनिल साहनी को अभियोजित करने के लिए सीबीआई को अपनी मंजूरी दे दी है। जांच एजेंसी ने एलटीसी घोटाले में कथित फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार को लेकर साहनी के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया है। ये साफ है कि जेडीयू सांसद अनिल साहनी पर अब इस मामले में केस चलेगा। सांसद पर बिना यात्रा किए पैसे लेने का आरोप है।
साथ ही, फर्जी बिल से लाखों की हेराफेरी का आरोप है। राज्यसभा के इतिहास में पहली बार किसी सांसद के खिलाफ सीबीआई को मुकदमे की मंजूरी दी गई है। जेडीयू सांसद ने सफाई देते हुए कहा कि मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। मैं मानहानि का केस करूंगा। सांसद साहनी ने सफाई देते हुए कहा कि इस गड़बड़ी को मैंने ही उजागर किया था। मैंने 2013 में ही इस मसले पर पत्र लिख कर इसके बारे में बताया था लेकिन अब मुझे ही इस मामले में जबरन फंसाया जा रहा है।
गौर हो कि बिहार से सांसद साहनी राज्य सभा से कथित तौर पर ऐसे पहले सांसद हैं जिन्हें सभापति से इस सिलसिले में मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई अभियोजित करेगी। सीबीआई ने साहनी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर आरोप लगाया है कि अन्य लोगों के साथ साजिश रच कर उन्होंने फर्जी ई टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास का इस्तेमाल कर राज्यसभा से 23.71 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। वास्तविक यात्रा के बगैर उन्होंने यात्रा एवं महंगाई भत्ता लिया।
राज्यसभा में साहनी का कार्यकाल अप्रैल 2018 में पूरा हो रहा है। आरोपपत्र में साहनी के साथ नामजद अन्य लोगों में दिल्ली आधारित एयर क्रूज ट्रैवल प्रा लि. के कर्मचारी अनूप सिंह पंवार, एयर इंडिया के तत्कालीन कार्यालय अधीक्षक (यातायात) एनएस नायर और अरविंद तिवारी शामिल हैं।वहीं, दूसरी बार सांसद बने साहनी का दावा है कि उनकी छवि धूमिल करने के लिए यह भाजपा सरकार की राजनीतिक साजिश है।