भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज कहा कि जो भी सत्ता में आता है, वह उसे खोना नहीं चाहता। उन्होंने आगाह किया कि जो भी सत्ता का दुरूपयोग करेगा, मतदाता उसे सबक सिखाएंगा। उन्होंने कहा कि जिन्होंने आपातकाल लगाया था, उन्हें इसके लिए कोई अपराधबोध नहीं है। निश्चित रूप से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इसपर अफसोस जताना चाहिए। आडवाणी से पूछा कि अगर कोई राजनेता सत्ता को लेकर भुलावे में रहता है या अपने अधिकारों का दुरूपयोग करने की इच्छा रखता है तो क्या भारतीय मतदाता ऐसे राजनेता को सबक सिखाएंगे तो भाजपा नेता का जवाब था, ‘सही।’ भाजपा नेता ने कहा कि भारत में दूसरी बार आपातकाल आसानी से नहीं लगाया जा सकता लेकिन उन्होंने आगाह करते हुए यह भी कहा, ‘जिनके पास सत्ता है या जो सत्ता में आ सकते हैं, उनकी संवेदनशीलता हमेशा वृहतर होगी।’
उन्होंने कहा, ‘जो भी सत्ता में आता है, वह उसे खोना नहीं चाहता। जिस तरह किसी को धन मिलता है तो वह उसे खोना नहीं चाहता।’ पिछले दिनों एक अंग्रेजी अखबार को दिये इंटरव्यू में आडवाणी ने कहा था, ‘फिलहाल लोकतंत्र को कुचल सकने वाली ताकतें अधिक मजबूत हैं’। इस बयान का जिक्र करते हुए जब आडवाणी से पूछा गया कि क्या यह मौजूदा परिप्रेक्ष्य में की गयी टिप्पणी थी तो आडवाणी ने किसी भी तरह की अटकलों को खारिज कर दिया।आडवाणी ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्या मैंने ज्यादा मजबूत कहा था। मैंने केवल मजबूत कहा था। मुझे हैरानी इस बात की होती है या इस बात से कष्ट होता है कि जिन्होंने देश में इतना भयावह आपातकाल लगाया था, उन्हें इसके लिए कोई अपराधबोध नहीं है।