दिल्ली की मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने एक रिपोर्ट मांगी है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को अस्पतालों में उपलब्ध बेड ऑक्सीजन एवं दवाओं समेत अन्य सुविधाओं की पूरी जानकारी उपराज्यपाल को उपलब्ध करानी होगी।
इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल दिल्ली में 3 मई से शुरू होने जा रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम की जानकारी मांग चुके हैं। उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव से वैक्सीनेशन की जानकारी मांगी थी।
इस वैक्सीनेशन कार्यक्रम के अंतर्गत 18 से 44 वर्ष की उम्र के लोगों को कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीन दी जानी है।उपराज्यपाल कार्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली की जनता की परेशानियों के मद्देनजर उपराज्यपाल ने संबंधित विभागों और सरकारी एजेंसियों से अस्पतालों में उपलब्ध चिकित्सा, बेड, ऑक्सीजन की उपलब्धता की जानकारी देने को कहा है।
इसके अलावा श्मशान और कब्रिस्तान पर क्षमता बढ़ाने और यहां लोगों को रही समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से आगे की सलाह मांगी है।
उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों से निगरानी के साथ एक कार्य योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
एलजी ने यह भी सुझाव दिया है कि हाल ही में सेवानिवृत्त डॉक्टर्स और अन्य पैरा मेडिकल स्टॉफ की सेवाएं ली जाए। उपराज्यपाल के मुताबिक, जहां कहीं भी ऐसे सेवानिवृत्त डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की आवश्यकता है उन्हें वहां तैनात किया जाए।
बीते शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए हैं। उपराज्यपाल ने स्वयं अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी साझा की है। फिलहाल उपराज्यपाल का स्वास्थ सामान्य बना हुआ है। वह अपने सरकारी आवास पर सेल्फ आइसोलेशन में हैं।गौरतलब है कि दिल्ली में अब सरकार का मतलब उपराज्यपाल हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) कानून 2021 यानी जीएनटीसीडी एक्ट की अधिसूचना जारी कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021, 27 अप्रैल से अधिसूचित किया जाता है। इसका मतलब अब उपराज्यपाल (एलजी) की मंजूरी के बिना केजरीवाल सरकार कोई बड़ा कदम नहीं उठा सकेगी।