भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा है। ये नेता आज अमित शाह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सरकार के गठन को लेकर चर्चा करेंगे। इससे पहले 23 जुलाई को कांग्रेस-जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई थी।
तब मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में 99 और विरोध में 105 वोट पड़े थे। अब बीएस येदियुरप्पा चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि, पार्टी उनके नाम के ऐलान को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रही है।
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, बस्वराज बोमाई, अरविंद लिम्बावली और अन्य नेता शामिल हैं। लिम्बावली ने एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा कि आपने कर्नाटक के हालात देखे हैं।
नई सरकार बननी है, इसके लिए हम अपने राष्ट्रीय प्रतिनिधियों से चर्चा करनी है। उनकी सलाह से आगे फैसले लिए जाएंगे। पार्टी किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है। येदियुरप्पा भी कह चुके हैं कि वह केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
बुधवार को वे बेंगलुरु के संघ कार्यालय पहुंचे और आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद लिया।प्रतिनिधिमंडल से पूछा गया कि क्या भाजपा 15 बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला आने का इंतजार कर रही है।
इसलिए सरकार के गठन में देरी हो रही है? इस पर लिम्बावली ने कहा कि अभी तो यह कोई मुद्दा नहीं है, आगे हो भी सकता है। हम सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे, इसमें कोई दोराहे नहीं।
लेकिन वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी में कुछ देरी हो सकती है। इस्तीफा देने वाले कांग्रेस-जेडीएस के 15 विधायक मुंबई में ठहरे हैं। सूत्रों के मुताबिक, नई सरकार बनने के बाद भी वे बेंगलुरु लौटेंगे।