मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया की गिरफ्तारी लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश है। यह कार्रवाई आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के कहने पर की गयी है। नीतीश ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया की गिरफ्तारी की भर्त्सना करते हुए कहा कि इसको लेकर तरह-तरह की बातें आयी हैं जिसमें वामदलों के नेताओं ने खुली चुनौती दी है कि कोई प्रमाण प्रस्तुत करें।
यूट्यूब पर जो वीडियो है और उसको देखने के बाद यह लगता है कि विश्वविद्यालय को बदनाम करने के लिए जिन लोगों ने आरोप लगाया है उन्हीं की जमात के लोग नारे लगाए रहे थे जिसके आधार पर लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होंने कहा कि साफ-साफ कहा जा रहा है कि नारा लगाते हुए अगर कोई प्रमाण है विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया के बारे में उसे दिखाया जाए।
नीतीश ने कहा कि कन्हैया बिहार के बेगूसराय जिले के निवासी हैं और जेएनयू छात्र संघ का अध्यक्ष चुने जाने पर कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलने के क्रम में उनसे भी मुलाकात की थी और उनका अपना अनुभव है कि वह सब अपने विचारों के प्रति दृढ और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले युवा हैं। ऐसे युवाओं पर देशदोह का आरोप लगाना सारी हदें पार कर देने के समान है। उन्होंने कहा, जब से विश्वविद्यालय की स्थापना हुयी, तब से इसकी खासियत है कि विभिन्न विचारधाराओं पर इसमें चर्चा होती है।
इस विश्वविद्यालय में विभिन्न विचारधाराओं को मानने वाले छात्र एवं शिक्षक है। विचारधाराओं पर चर्चा इस विश्वविद्यालय की स्वस्थ परंपरा रही है। इस विश्वविद्यालय से अकारण ही केन्द्र की नाराजगी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र परपंरा को खत्म करना चाहती है। विश्वविद्यालय को बदनाम करने की कोशिश हो रही है। देश में आपातकाल लगाये बिना केन्द्र सरकार देश पर अपना विचारधारा थोपना चाहती है।