कोरोना के डेल्टा वेरिएंट मिलने से झारखंड सरकार ने बढ़ाई सख्ती

झारखंड में कोरोना की दूसरी लहर का कहर काफी हद तक थम गया है. लेकिन महामारी की तीसरी लहर की आशंका के कारण घबराहट बनी हुई है. कोरोना की तीसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट के और घातक होने का खतरा बना हुआ है क्योंकि झारखंड में भी डेल्टा वैरिएंट के मरीज मिल रहे हैं.

कोरोना का डेल्टा वैरिएंट मुसीबत बना हुआ है. विशेषज्ञ डेल्टा और उसके अन्य वैरिएंट से सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं. झारखंड में भी डेल्ट वैरिएंट के मरीज मिले हैं. दरअसल, झारखंड से 364 सैंपल जांच के लिए भुवनेश्वर भेजे गए थे, जिसमें 194 सैंपल में डेल्टा वैरिएंट, 29 सैंपल में अल्फा वैरिएंट और 29 सैंपल में कप्पा वैरिएंट मिला है.

झारखंड में डेल्टा वेरिएंट का मेन कैरियर माइग्रेंट लेबर को बताया जा रहा है.झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार के अनुसार अब राज्य के सामने और बड़ी चुनौती है कि कैसे नए वैरिएंट के फैलाव को रोका जा सके.

अरुण कुमार का कहना है कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट बॉडी के लिए ज्यादा घातक है, जो तेजी से प्रभावित करता है. जो की स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय है.वहीं, झारखंड में डेल्टा वैरिएंट के होने की पुष्टि के बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग ज्यादा सजग हो गया है.

अब इसके फैलाव को रोकने पर काम किया जा रहा है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि झारखंड में डेल्टा वैरिएंट के नमूने मिलने के बाद हम अपनी स्वास्थ्य सेवा को चुस्त दुरुस्त करने में लगे हैं. खासकर बच्चों पर प्रभाव को देखते हुए विभाग लगातार विशेषज्ञों के संपर्क में हैं और उनके सुझाव को अमल में लाया जा रहा है.

इस बीच झारखंड में कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को 1 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस दौरान पहले जारी किए दिशा-निर्देश ही लागू रहेंगे. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मुताबिक कोरोना को लेकर अभी खतरा टला नहीं है.

तीसरी लहर के आहट को ध्यान में रख कर स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को आगे बढ़ाया गया है. और आगे सभी चीजों के आंकलन के बाद राज्य के लिए जो बेहतर होगा वही फैसला लिया जाएगा. उन्होंने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते रहने की अपील की.

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