जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का संज्ञान लेते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने आज संबद्ध अधिकारियों को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा। हालांकि, उसे आंदोलन के दौरान सोनीपत में कथित बलात्कार और छेड़खानी के संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजेंद्र जैन (सेवानिवृत्त) ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘अब तक हमने नौ अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। आज हमने एनएचएआई, रेलवे, प्रधान सचिव, पर्यावरण एवं वन संरक्षक, हरियाणा और राज्य के प्रमुख सचिव, सिंचाई को नोटिस जारी किया।’ उन्होंने कहा, ‘चार मार्च को हमने हरियाणा के मुख्य सचिव, राज्य के डीपीपी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया था और उनसे मुख्यमंत्री की तरफ से जवाब दाखिल करने को कहा था।’
सोनीपत में मुरथल के निकट जाट आंदोलन के दौरान बलात्कार और छेड़खानी की घटना के बारे में मीडिया में आई खबर के बारे में न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि अब तक इस संबंध में उनके पास किसी ने भी शिकायत नहीं की है। इससे पहले नागरिक उड्डयन महानिदेशक, सचिव नागरिक उड्डयन को नोटिस जारी किया गया था क्योंकि ऐसे आरोप थे कि कुछ एयरलाइनों ने यात्रियों से चंडीगढ़ और दिल्ली के बीच भारी रकम वसूली क्योंकि जाट आंदोलन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद था।
न्यायमूर्ति जैन ने कहा कि एक निजी एयरलाइन का प्रतिनिधि यहां आयोग के समक्ष उपस्थित हुआ। जैन ने कहा कि तीन अन्य ऑपरेटरों ने उपस्थित होने के लिए और वक्त मांगा है। उन्होंने कहा, ‘अगर वे हाजिर नहीं हुए तो हम एकतरफा आदेश देंगे।’ राज्य में पिछले महीने जाट आंदोलन के दौरान हिंसा, लूट और आगजनी की घटनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम अपनी स्वतंत्र जांच कर रहे हैं।’ आयोग तीन महीने में अपनी रिपोर्ट जारी करेगा।आयोग ने अपने सदस्यों और अधिकारियों को जाट आंदोलन से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए तैनात किया है।