जम्मू-कश्मीर में देश विरोधी गतिविधियों की वजह से 12 सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के जिन 12 अफसरों को बर्खास्त किया गया है, उनके खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। इस तरह के मामले में संलिप्तता की बात पता चलने पर राज्य की पुलिस ने तहकीकात शुरू की थी।
पुलिस ने इन अफसरों को लेकर एक अहम जांच रिपोर्ट तैयार की थी। सूत्रों के अनुसार, इन अधिकारियों के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर आरोप लगाए गए। इन अफसरों पर पुलिस की रिपोर्ट सामने आने के बाद राज्य के मुख्य सचिव ने कार्रवाई करने का फैसला लिया। जिसके बाद मुख्य सचिव के आदेश पर इन अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि बर्खास्त हुए कुछ अफसर अब भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। बर्खास्त किए गए कई अफसरों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।कर्मचारियों पर आरोप है कि राज्य में अशांति फैलाने में उन्होंने भी भूमिका निभाई है। सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से कई अन्य अधिकारियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है।
बर्खास्तगी का यह आदेश बुधवार शाम को दिया गया। बर्खास्त किए गए अधिकारियों में कश्मीर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के अलावा शिक्षा, रेवेन्यू, पब्लिक हेल्थ, इंजीनियरिंग और फूड सप्लाई डिपार्टमेंट के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। इस संबंध में एक अधिकारी ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने राज्य के संविधान के आर्टिकल 126 के तहत इस कार्रवाई को अंजाम दिया है।
जम्मू कश्मीर बीजेपी ने अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को सही बताया है। बीजेपी नेता खालिद जहांगीर ने कहा कि इन नेताओं को कड़ी से कड़ी सजा मिले। उन्होंने कहा कि अफसरों को चाहिए कि वे लोगों की भलाई के लिए काम करें।गौर हो कि घाटी में 9 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी की सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद हुए प्रदर्शन में अब तक करीब 91 लोगों की मौत हो चुकी है।