2000 रुपये के नोट बंद करने को लेकर बोले वित्त मंत्री अरुण जेटली

अरुण जेटली ने विपक्ष के उन सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया, जिसमें पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार 2,000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण करने जा रही है या वह बड़े मूल्य के सिक्के लाने की योजना बना रही है। मुद्दा समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता नरेश अग्रवाल ने शून्यकाल के दौरान उठाया। 

अग्रवाल ने कहा यह परंपरा रही है कि जब संसद का सत्र चल रहा हो और सरकार किसी नीति पर फैसला करती है, तो उसे सदन को इस बारे में बताना होता है। सरकार ने अब 2,000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला किया है।राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी मुद्दा उठाया और यह जानना चाहा कि क्या सरकार बड़े मूल्य के सिक्के ला रही है।

उन्होंने कह मैं वित्तमंत्री से यह जानना चाहूंगा, जो यहां मौजूद हैं। हमने समाचार पत्रों में पढ़ा है कि सरकार 1,000 रुपये, 200 रुपये तथा 100 रुपये के सिक्के लाने जा रही है। वास्तविक स्थिति क्या है? क्या हम मीडिया की रिपोर्ट को सच मानें या मंत्री सदन को बताएंगे?
आजाद ने कहा हमें इन रिपोर्ट के पीछे की सच्चाई का पता होना चाहिए।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के तृचि शिवा तथा जनता दल (युनाइटेड) के शरद यादव ने मुद्दे पर सरकार की स्थिति जानने की मांग की।
यादव ने कहा इस तरह की रिपोर्ट अफवाहों का कारण बनती है। लोग 2,000 रुपये का लेनदेन बंद कर सकते हैं। सरकार को इन अफवाहों पर विराम लगाना चाहिए।राज्यसभा के उपसभापति पी.जे.कुरियन ने जेटली से पूछा कि क्या वह सवालों का जवाब देना चाहेंगे, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

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