भारत-यूएई में सात समझौतों पर बनी सहमति

narendra-modi-abu-dhabi-650

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सात प्रमुख मुद्दों (साइबर सुरक्षा, आधारभूत ढांचों के विकास में निवेश, अक्षय ऊर्जा, स्पेस, बीमा, संस्कृति और कौशल विकास) पर सहमति बन गई है.आबूधाबी के शाहजादे और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सशस्त्र सेनाओं के उप मुख्य कमांडर जनरल शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नायान की यात्रा के दौरान भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सात प्रमुख मुद्दों पर सहमति बन गई है. हालांकि कुल नौ मामलों में सहमति पत्र पर दस्तखत किए जाने की बात कही जा रही है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि भारत और यूएई के बीच बृहस्पतिवार को जिन सात मसलों पर समझौते हो गए हैं उसमे साइबर सुरक्षा, आधारभूत ढांचों के विकास में निवेश, अक्षय ऊर्जा, स्पेस, बीमा, संस्कृति और कौशल विकास शामिल है. एक अन्य मसले पर इक्जिम बैंक और दुबई इकोनामिक कौंसिल शुक्रवार को समझौते के कागजों की अदला-बदली करेंगे.

सूत्रों ने बताया कि कुल नौ मसलों पर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है लेकिन बारीकियों पर बातचीत जारी है और इस यात्रा के दौरान इन मसलों पर दोनों देशों के बीच दस्तखत हो जाएंगे. दोनों देश कुल 17 विषयों पर समझौते को लेकर बातचीत में हैं जिसमें परमाणु मसले और अतंरिक्ष तकनीक के मामले में दोनों देशों के बीच बातचीत को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. परमाणु मसले पर इस यात्रा के दौरान ही दोनों देश सहमति पर पहुंच सकते हैं.

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि भारत और यूएई मंगल मिशन को लेकर भी बातचीत कर रहे हैं और भारत इस मसले पर पूरी मदद को तैयार है. यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यूएई 2020 तक अपने मंगल मिशन को मूर्त रूप देना चाहता है. विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) अनिल बाधवा ने बताया कि रक्षा सामग्री के उत्पादन में यूएई भारत में निवेश करना चाहता है इसे मेक इन इंडिया के तहत किए जाने की योजना है.

भारत में किए गए रक्षा उत्पादों की आपूर्ति न केवल यूएई को बल्कि अन्य देशों को भी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके आलावा दोनों देश मिलकर किसी तीसरे देश में भी तेल शोधन कारखाना लगा सकते हैं जिसके लिए भारत तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराएगा. यह भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है.

भारत में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 75 बिलियन डालर के निवेश की भी यूएई की योजना है लेकिन अभी कितना किया जाएगा इस पर सहमति नहीं बनी है. आतंकवाद को लेकर भी दोनों देशों में सहमति बनी है और खुफिया सूचना साझा करने के आलावा दोनों देश एक दूसरे को कट्टरता पर काबू पाने मे भी मदद करेंगे.

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *