भारत की बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की आहट से ही चीन के होश उड़ गए हैं. चीन को पता है कि यदि भारत अग्नि-5 का टेस्ट करने में सफल होता है, तो उसके कई शहर मिसाइल की जद में आ जाएंगे. इसलिए वो मिसाइल के परीक्षण के पहले दबाव बनाने की रणनीति के तहत भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का नियम याद दिला रहा है.
बीजिंग ने कहा कि दक्षिण एशिया के सभी देशों को क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए.अग्नि-5 मिसाइल की रेंज पांच हजार किलोमीटर तक है. यह मिसाइल अपने साथ पारंपरिक विस्फोटकों के अलावा परमाणु वॉरहेड ले जाने में भी सक्षम है.
अग्नि-5 का परीक्षण करने के बारे में भारत की योजना को लेकर जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखने में सभी का साझा हित है. प्रवक्ता ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष इस दिशा में रचनात्मक प्रयास करेंगे.
बता दें कि चीन ने भारत द्वारा अग्नि-5 के पूर्व में किए गए परीक्षणों पर भी इसी तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.कुछ दिन पहले सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत अग्नि-5 मिसाइल का टेस्ट करने की तैयारी कर रहा है. पांच हजार किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल चीन के कई शहरों तक पहुंच सकती है.
इस मिसाइल से भारत की सैन्य शक्ति में जबरदस्त मजबूती आने की उम्मीद है. अग्रि-2,3 और 4 मिसाइल पहले से ही भारतीय सेना में कमीशन की जा चुकी हैं.चीनी प्रवक्ता लिजान ने कहा कि क्या भारत परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम बैलेस्टिक मिसाइलों का विकास कर सकता है? इस बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1172 में पहले ही स्पष्ट नियम हैं.
सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 1172 भारत और पाकिस्तान द्वारा 1998 में किए गए परमाणु परीक्षण से संबंधित है. प्रस्ताव में भारत और पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की निंदा की गई थी तथा दोनों देशों से और परमाणु परीक्षणों से परहेज करने को कहा गया था. इसमें दोनों देशों से परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम बैलेस्टिक मिसाइलों का विकास रोकने का आग्रह भी किया गया है.