भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बयान देने के पाकिस्तान के राजदूत के दावे पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि सीमापार आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक अब खुद को आतकंवाद का पीड़ित दिखाने का स्वांग रचने का प्रयास कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने पाकिस्तान के दशकों से सीमापार आतंकवाद का शिकार होने के झूठ का सोमवार को पर्दाफाश करते हुए कहा कि एक झूठ सौ बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता। भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद का सबसे बड़ा प्रायोजक अब खुद को भारत की ओर से आतंकवाद का पीड़ित बताकर स्वांग रचने का प्रयास कर रहा है।
दरअसल पाकिस्तान के मिशन ने झूठा दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र में उसके राजदूत मुनीर अकरम ने ‘आतंकी गतिविधियों से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को खतरे’ के विषय पर महासचिव की रिपोर्ट पर सुरक्षा परिषद में बयान दिया है, जबकि इस बैठक में परिषद के गैर-सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया था।
संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के मिशन ने एक तस्वीर साझा की है, जिसमें केवल सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों के राजदूत ही दिखाई दे रहे है। पाकिस्तान परिषद का सदस्य ही नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन ने ट्वीट किया, हम जानना चाहते हैं कि पाकिस्तान के स्थायी मिशन ने बयान कहां दिया, क्योंकि सुरक्षा परिषद के आज के सत्र में गैर-सदस्यों को तो बुलाया ही नहीं गया था।
पाकिस्तान के एक और झूठ का पर्दाफाश हो गया।अलकायदा को खदेड़ने के अकरम के दावे पर भारत ने कहा कि पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि संभवत: इस बात से अवगत नहीं हैं कि ओसामा बिन लादेन उनके ही देश में छिपा हुआ था और अमेरिकी बलों ने उसे पाकिस्तान में ही मार गिराया था।
न ही उन्होंने ओसामा बिन लादेन को शहीद बताने संबंधी अपने प्रधानमंत्री का बयान सुना। पाकिस्तान के झूठों पर तीखा पलटवार करते हुए नयी दिल्ली ने पाकिस्तान के उस दावे को भी हास्यास्पद बताया जिसमें उसने कहा था कि भारत ने उसके खिलाफ काम करने के लिए लड़ाकों के तौर पर आतंकवादियों की भर्ती की है।