आतंकियों-उग्रवादियों को चीनी समर्थन के संकेतों के बीच पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित आतंकी कैंपों में चीनी लोगों की मौजूदगी ने सरकार के कान खड़े कर दिए हैं। खुफिया एजेंसियों ने पीओके में पाकिस्तान संचालित दर्जन भर आतंकी कैंपों में चीनी लोगों की आवाजाही और मौजूदगी को ट्रैक किया है।पीओके में पाक संचालित आतंकी कैंपों में चीनी नागरिकों की मौजूदगी पहली बार खुफिया एजेंसियों की रडार में आयी है। सरकार के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों खुफिया एजेंसियों ने जो रिपोर्ट दी है उसमें कहा गया है कि पीओके में पाक सेना की रहनुमाई में संचालित आतंकी कैंपों में चीनी नागरिकों की आवाजाही को निरंतर देखा गया है। चीनी नागरिकों के आतंकी कैंपों में देखे जाने की खुफिया जानकारी के बाद चौकन्नी हुई सरकार ने उच्चस्तर पर इसकी रणनीतिक समीक्षा की। खुफिया एजेंसियों के अनुसार पीओके में भारतीय सीमा के निकटस्थ इलाकों में पाक संचालित कम से कम 12 से 15 आतंकी कैंप अभी भी पूरी तरह काम कर रहे हैं।
इन कैंपों में पाक सेना आतंकियों को प्रशिक्षण देने के बाद घुसपैठ करा जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए भेजती है। सरकार के इस उच्च जिम्मेवार सूत्र ने बताया कि पाक अधिकृत कश्मीर में चीनियों की मौजूदगी कोई अचरजकारी नहीं है। लेकिन आतंकी कैंपों में चीनी नागरिकों को देखे जाने की रिपोर्ट पहली बार आ रही हैं और सरकार की चिंता इसी वजह से है। पाकिस्तान के साथ अपनी गाढी दोस्ती और भारत को कूटनीतिक-रणनीतिक रुप से परेशान करने के लिए चीन पहले से ही पीओके में सड़क समेत बड़ी विकास परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है। पीओके में चीन के विकास कार्यों के नाम पर कुछ समय पहले चीनी सेना पीएलए के दस्तों को भी देखा गया था और इसको लेकर भारत ने चीन से आपत्ति भी जताई थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो अपनी चीन यात्रा के दौरान पीओके में चीन की रणनीतिक मौजूदगी पर भारत के विरोध को चीनी राष्ट्रपति के समक्ष खुले तौर पर जाहिर किया था। समझा जाता है कि आतंकी गतिविधियों को संरक्षण और समर्थन देने से बाज नहीं आने की उसकी इन्हीं हरकतों को देखते हुए ही प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश की यात्रा के दौरान पाकिस्तान को लताड़ा था।