भारत बेहद जटिल भू-राजनीतिक माहौल में कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है : एम. वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत बेहद जटिल भू-राजनीतिक माहौल में कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने यह बात यहां एचएएल परिसर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और एयरोनॉटिकल डवलपमेंट एजेंसी के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा हमारे पुरुष और महिलाएं बेहद कठिन सुरक्षा माहौल में वर्दी में काम करते हैं।लेकिन, उन्होंने हमेशा अनुकरणीय व्यावसायिकता, वीरता और प्रतिबद्धता के साथ अपने रास्ते में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना किया है।

यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि हमारे सशस्त्र बल किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहे और किसी भी सुरक्षा खतरे को मजबूती से पीछे हटाएं। इसलिए समर्थ और सक्षम भारत’ बनाने के लिए रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता सर्वोपरि है।

उन्होंने कहा मैं आपसे भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल का समर्थन करने के लिए नए उत्पादों और उत्पाद संवर्धन का विकास करने का आग्रह करता हूं। स्वदेशी उत्पाद भविष्य में एक एयरोस्पेस और रक्षा पावरहाउस के रूप में भारत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।सरकार ने आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत रक्षा निर्माण में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत पहल और सुधार किए हैं।

उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन और निर्यात प्रोत्साहन नीति का मसौदा पिछले साल 2025 तक एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में 5 अरब डॉलर (अमेरिकी डॉलर) के निर्यात सहित 25 अरब डॉलर (अमेरिकी डॉलर) का कारोबार हासिल करने के लक्ष्य के साथ जारी किया गया था।उन्होंने आगे कहा, नीति अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करके, नवाचार को पुरस्कृत करके और भारतीय आईपी स्वामित्व के निर्माण द्वारा रक्षा क्षेत्र में शीर्ष देशों की लीग में भारत को आगे बढ़ाने के लिए एक रोड मैप तैयार करती है।

निवेश के प्रवाह को आसान बनाने के लिए, सरकार ने रक्षा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग से 74 प्रतिशत तक और सरकारी मार्ग से 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में दो रक्षा गलियारे स्थापित किए जा रहे हैं।रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक बड़े कदम के रूप में, रक्षा मंत्रालय ने 2020 में 101 वस्तुओं की पहली सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची और इस साल 108 वस्तुओं की ‘दूसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची’ अधिसूचित की है।

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