कन्हैया कुमार पर हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान जूता उछाला गया। जूता उछालने वाले शख्स को आसपास खड़े लोगों ने पकड़कर पहले पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया। जूता उछालने वाला शख्स चिल्ला रहा था, ‘कन्हैया जैसे देशद्रोहियों को बोलने नहीं देना चाहिए। इससे पहले 28 वर्षीय कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में काफी समानता है। यहां के शिक्षकों और छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है। यह कहना सही नहीं होगा कि छात्र नियंत्रण खो रहे हैं।
आईआईटी चेन्नई, फर्ग्यूसन कॉलेज और एफटीआईआई में एक जैसी चीजें कैसे हो सकती हैं। कैंपस युद्धक्षेत्र बनते जा रहे हैं। हमें यह सवाल पूछने का हक है कि कौन है जो आंतरिक सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह की हरकतें करने का आदेश दे रहा है।कन्हैया ने आरोप लगाया कि शैक्षणिक संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है। उसके बाद उल्टे हमारे ऊपर दोष मढ़ा जा रहा है कि हम राजनीति कर रहे हैं। राजनीति हम कर रहे हैं या राजनीति सरकार कर रही है। विश्वविद्यालयों की स्वतंत्रता को खत्म करने की यह योजनाबद्ध कोशिश है।
हैदराबाद में एक सेमिनार में बोलते हुए कन्हैया ने कहा कि विश्वविद्यालयों पर हमला काफी गंभीर है। कन्हैया का कहना है कि यह कहना कि छात्र अपना आपा खो रहे हैं, सही नहीं है। ये कैसे संभव है कि एक जैसी घटनाएं आईआईटी चेन्नई, फर्ग्युसन, एफटीआईआई में घट रही हैं। क्यों कैंपर वारजोन बनते जा रहे हैं। आखिर क्यों भीतरी सुरक्षा व्यवस्था को ऐसे करने के लिए आदेश दे रहा है।हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रति समर्थन जताते हुए कन्हैया ने कहा, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में रोहित वेमुला को न्याय दिलाने के लिए जो अभियान शुरू हुआ, उसी की एक कड़ी जेएनयू का संघर्ष भी है। दोनों विश्वविद्यालयों के बीच एक प्रकार की समानता है।