केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में फरवरी 2019 में हुए घातक आतंकवादी हमले में शहीद हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवानों को श्रद्धांजलि दी।केन्द्र शासित प्रदेश के चार दिवसीय दौरे पर आए शाह ने जैश-ए-मोहम्मद के हमले में शहीद हुए जवानों की याद में पिछले साल बनाए गए स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
शाह ने ट्वीट किया पुलवामा के कायराना आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के बहादुर जवानों को आज पुलवामा शहीद स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. देश की रक्षा हेतु आपका समर्पण एवं सर्वोच्च बलिदान आतंकवाद के समूल नाश के हमारे संकल्प को और दृढ़ करता है।वीर बलिदानियों को कोटि-कोटि वंदन.
उन्होंने शहीदों की याद में पौधारोपण भी किया। मंत्री ने कहा पुलवामा के शहीद स्मारक पर हमारे वीर बलिदानियों की स्मृति में पौधारोपण किया। ज्ञात हो कि लेथपोरा में ही 14 फरवरी 2019 को आतंकियों ने सीआरपीएफ काफिले पर हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।
इससे पहले अमित शाह ने यहां एक सैनिक सम्मेलन में कहा कि देश के सुरक्षा बलों का ढृढ़ संकल्प ही लोगों को सुरक्षित महसूस कराता है। अमित शाह ने सोमवार को अपनी जम्मू-कश्मीर यात्रा के तीसरे दिन सीआरपीएफ कैंप, लेथपोरा, पुलवामा में सैनिक सम्मेलन को संबोधित किया।
सीआरपीएफ कैंप के दौरे के दौरान गृह मंत्री के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी थे।जवानों को संबोधित करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ शिविर में उनका दौरा जम्मू-कश्मीर की उनकी तीन दिवसीय यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
मैं सीआरपीएफ कैंप में जवानों के साथ एक रात बिताना चाहता हूं। अनुभव और कठिनाइयों को जानना चाहता हूं और राष्ट्र के लिए भावना और जुनून को देखना चाहता हूं।आप माइनस 43 से प्लस 43 डिग्री तापमान में भी देश की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे तैयार हैं।
गृह मंत्री ने कहा यही वह संकल्प है जिसने देश के लोगों को सुरक्षित महसूस कराया कि वे चैन की नींद सो सकते हैं।जब अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया गया था, तो अटकलें थीं कि एक बड़ी प्रतिक्रिया और रक्तपात की संभावना होगी, लेकिन हमारे सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के कारण, किसी को एक भी गोली नहीं चलानी पड़ी।
बिना किसी रक्तपात के, कश्मीर में विकास का एक नया युग शुरू हो गया है। “जम्मू और कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।2014 से 2021 तक, नागरिक मौतों की संख्या 208 से घटकर 30 हो गई है और सुरक्षा बलों के शहीद सैनिकों की संख्या 105 से घटकर 60 हो गई है, जो दर्शाता है कि इस निर्णय को जम्मू और कश्मीर के लोगों ने भी स्वीकार किया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा एक समय था जब कश्मीर में पथराव आम बात थी, लेकिन आज इस तरह की घटनाएं भी बहुत कम हो गई हैं।उन्होंने कहा 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में जिस तरह का विकास हो रहा है, हमें विश्वास है कि जल्द ही भारत दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक में अपनी जगह मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव को यादगार बनाने के लिए अलग तरीके से मनाने का फैसला किया है। जब हम आजादी के सौ साल मनाएंगे तो भारत कहां होगा, लक्ष्य तय करने का भी समय आ गया है। हमारे संकल्प को मजबूत करें।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा अगर शांति, सुरक्षा है, चुने हुए प्रतिनिधि विकास के लिए कृतसंकल्प हैं तो क्या बदलाव हो सकता है, जम्मू-कश्मीर इसका उदाहरण है।आज जम्मू-कश्मीर में विकास तेज गति से हो रहा है, निवेश आ रहा है, सभी राष्ट्रीय स्तर के संस्थान आ रहे हैं, जम्मू-कश्मीर हर पहलू में बदलने लगा है।