कल भारत के चार प्रमुख पीठों में शामिल ज्योतिष एवं द्वारकाशारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में स्थित गोटेगांव के समीप झोतेश्वर धाम में निधन हो गया।स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने झोतेर धाम परिसर में स्थित अपने आश्रम में अपराह्न अंतिम सांस ली। वे अपने जीवन के 98 वर्ष पूरे कर चुके थे।
अंतिम समय में शंकराचार्य के अनुयायी और शिष्य उनके समीप थे। उनके ब्रह्मलीन होने की सूचना के बाद आसपास के क्षेत्रों से भक्तों की भीड़ आश्रम की ओर पहुंचने लगी।झोतेश्वर धाम सूत्रों के अनुसार स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की पार्थिव देह को पालकी में रखकर आज शाम को ही झोतेश्वर धाम में दर्शनार्थ रखा जाएगा।
भक्त और अनुयायी उनके अंतिम दर्शन का लाभ ले सकेंगे। अनुयायी सोमवार को भी उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। बताया गया कि उनका अंतिम संस्कार सोमवार को किया जाएगा।शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के भक्त देश विदेश में फैले हुए हैं। उनका जन्म राज्य के महाकौशल अंचल के ही सिवनी जिले के दिघौरी में 1924 में हुआ था।