आज स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे और उन्हें इस साल राज्य सरकारों के शिक्षा बोर्डों को साझा मेडिकल प्रवेश परीक्षा एनईईटी के दायरे से बाहर रखने के लिए अध्यादेश का सहारा लेने के तर्क से अवगत कराएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय से अध्यादेश का रास्ता अपनाए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद नड्डा कल अपराह्न प्रणब से मुलाकात कर पूरी स्थिति से उन्हें अवगत कराएंगे।
प्रणब मंगलवार को चीन की यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की ओर से मंजूर किए गए अध्यादेश का मकसद उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को ‘आंशिक तौर पर’ पलटना है जिसमें कहा गया कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी मेडिकल कॉलेज राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) के दायरे में आएंगे।
राष्ट्रपति ने अध्यादेश के मुद्दे पर विशेषज्ञों की राय भी मांगी है।यह रियायत सिर्फ राज्य सरकार की सीटों के लिए होने की बात स्पष्ट करते हुए सूत्रों ने कहा था कि निजी मेडिकल कॉलेजों में निर्धारित राज्य सरकार की सीटों को भी इस साल एनईईटी से छूट दी गई है।
विभिन्न राज्य सरकारें राज्य कोटा के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में 12 से 15 सीटें निर्धारित करती हैं ताकि किसी एक राज्य के छात्र दूसरे राज्य में सीट हासिल कर सकें।ऐसे कॉलेजों में शेष सीटें डोमिसाइल छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं। अब इस अध्यादेश के लागू हो जाने से डोमिसाइल छात्रों के लिए निर्धारित शेष सीटें एनईईटी के दायरे में आएंगी।