सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग करते हुए जाट संगठनों के सदस्यों ने हरियाणा के ज्यादातर जिलों में रविवार को अपना आंदोलन शुरू किया। ताजा आंदोलन का अह्वान कुछ जाट संगठनों की ओर से किया गया है, इनमें विशेष रूप से यशपाल मलिक के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े लोग शामिल हैं।
मलिक ने बताया कि जाट समुदाय के लोग हिसार-भिवानी रेलवे ट्रैक के पास रमायण गांव में, सोनीपत-गोहना रोड पर जोलिलाथ गांव में, रोहतक राजमार्ग पर जासिया गांव में, झज्जर के रसालवाला चौक पर, पानीपत-शामली रोड के पास उमराखेड़ी गांव में और करनाल के बाला गांव में शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं।
उन्होंने कहा राज्य के यमुनानगर, पंचकूला और मेवात जिलों में 31 जनवरी को प्रदर्शन शुरू होंगे। उन्होंने कहा धरने शांतिपूर्ण होंगे। हम रेल या सड़क यातायात अवरूद्ध नहीं कर रहे हैं। पिछले वर्ष जाट आंदोलन में हुई हिंसा ने 30 लोगों की जान ली थी जबकि राज्य की संपति को भारी नुकसान पहुंचाया था।
अधिकारियों ने कहा, हालांकि, इसबार हरियाणा को हाई अलर्ट पर रखा गया है।उन्होंने कहा कि रोहतक, सोनीपत, झज्जर और अन्य स्थानों सहित सभी संवेदनशील जिलों में एहतियात के तौर पर धारा 144 (निषेधाज्ञा) लगा दी गयी है।हरियाणा के अवर मुख्य सचिव (गृह) राम निवास ने कहा हम किसी भी हालत से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
हालांकि, प्रदर्शन में शामिल विभिन्न संगठनों के नेताओं ने शांतिपूर्ण धरने का वादा किया है, फिर भी प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयार है।हरियाणा सरकार ने राज्य में 7,000 होमगार्ड की तैनाती के अलावा केन्द्र से अर्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां मांगी हैं।निवास ने कहा कि अर्धसैनिक बलों की कुछ कंपनियां हरियाणा पहुंच भी गयी हैं।