उच्चतम न्यायालय ने संकटग्रस्त रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली समूह से कहा कि वह अपने 47 आवासीय टावरों का ब्यौरा गुरुवार तक उसे दे. इन टावरों का काम पूरा होने वाला है. न्यायालय ने कंपनी से कहा है कि वह बताए कि उसने मकान क्रेताओं से कितनी राशि ली है और कितनी राशि उसने निवेश की है.
न्यायाधीश अरुण मिश्रा व न्यायाधीश अमिताव राय की पीठ ने कहा कि कंपनी यह भी ब्यौरा दे कि ऋणशोधन प्रक्रिया शुरू होने के बाद कितना धन रोका गया है.पीठ ने कहा हमारी सबसे बड़ी चिंता यही है कि मकान क्रेताओं को उनके फ्लैट यथाशीघ्र मिलें.
आप आम्रपाली कंपनी कल तक यह ब्यौरा दें कि आपके कितने धन पर रोक लगी है. आपने मकान क्रेताओं से कितना धन लिया है और आपने कितना निवेश किया है. शीर्ष अदालत ने कंपनी की ओर से हाजिर हुए वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार से कहा कि वह उन 47 आवासीय टावरों का ब्यौरा गुरुवार तक दाखिल करें जिनके बारे में कंपनी का कहना है कि वे अगले 14-16 महीने में पूरा होने वाले हैं.