उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की गाड़ी के आगे अचानक हाथी आ जाने के कारण उन्होंने वाहन छोड़कर चट्टान पर चढ़कर अपनी जान बचाई। दरअसल कोटद्वार-दुगड्डा के बीच पौड़ी से कोटद्वार की ओर आ रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत के काफिले को हाथी ने रोक लिया।
हाथी के नजदीक आने पर पूर्व सीएम समेत सभी लोगों को अपना वाहन छोड़कर पहाड़ पर चढ़ना पड़ गया। उन्होंने चट्टान पर चढ़कर बामुश्किल जान बचाई। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने हवाई फायर कर किसी प्रकार हाथी को रास्ते से खदेड़ा।
त्रिवेंद्र सिंह रावत का काफिला पौड़ी से सतपुली होते हुए कोटद्वार आ रहा था। शाम के करीब पांच से छह बजे के बीच कोटद्वार-दुगड्डा के बीच टूट गदेरे के पास अचानक एक हाथी जंगल से निकलकर सड़क पर आ गया। इसके कारण पूर्व मुख्यमंत्री का काफिला करीब आधा घंटा रुका रहा।
कुछ देर तक पूर्व सीएम अपने वाहन में ही बैठे रहे लेकिन कुछ देर बाद हाथी ने उनके वाहन की ओर आना शुरू कर दिया।हाथी को वाहन के पास आता देख रावत और उनके साथी वाहन छोड़कर वहां से पहाड़ी की ओर निकल गए। इस दौरान बड़ी संख्या में वाहनों का जमघट लग गया।
पूर्व सीएम के काफिले में शामिल उनके साथी पृथ्वीराज चौहान वाहन से निकलकर पहाड़ी पर चढ़ते हुए घायल हो गए। हाथी के हमलावर होने की आशंका में वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। वन कर्मियों ने आनन-फानन हवाई फायर और पटाखे छोड़कर किसी प्रकार हाथी को जंगल में खदेड़ा।
पूर्व सीएम के हाईवे से गुजरने के बाद वन कर्मियों ने राहत की सांस ली।दुगड्डा के रेंज अधिकारी प्रदीप डोबरियाल ने बताया कोटद्वार दुगड्डा के बीच का इलाका शिवालिक हाथी कोरिडोर क्षेत्र में पड़ता है। यहां अक्सर हाथी हाईवे पर आ जाते हैं।
बुधवार शाम बजे पूर्व सीएम के काफिले के सामने एक हाथी आ गया था। इसकी सूचना मिलते ही तत्काल वन कर्मियों को भेजा गया। हवाई फायर कर हाथी को जंगल में खदेड़ दिया गया है। इस दौरान करीब आधा घंटा तक हाईवे जाम रहा।