स्मार्ट सिटी के पहले चरण के लिए मंगलवार को केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने 13 शहरों की सूची जारी की.इन 13 शहरों को फास्ट ट्रैक कंपीटीशन के जरिए चुना गया है. इन शहरों में पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है. वहीं वारांगल, धर्मशाला, चंडीगढ़, रायपुर, न्यूज टाउन कोलकाता, भागलपुर, पणजी, पोर्ट ब्लेयर, इंफाल, रांची, अगरत्तला और फरिदाबाद क्रमश: इस प्रतियोगिता में सफल हुए हैं. इन तेरह शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जायेगी.
इस परियोजना के तहत 100 शहरों को शामिल किया जाएगा और इसकी अवधि पांच साल (2015-16 से 2019-20) की होगी. उसके बाद शहरी विकास मंत्रालय द्वारा मूल्यांकन किए जाने एवं प्राप्त अनुभवों को शामिल किये जाने के साथ मिशन को जारी रखा जा सकता है.एक सौ स्मार्ट शहरों की कुल संख्या एक समान मापदंड के आधार पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच वितरित किया गया है. इस वितरण फार्मूला का इस्तेमाल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अमृत के तहत धनराशि के आवंटन के लिए भी किया गया है.
स्मार्ट सिटी के लिए चयनित शहरों को कई मापदंडों पर खरा उतरना होता है. शहर में टेक्नोलॉजी का प्रयोग उच्च स्तर पर होना चाहिए. इसके साथ ही शहर की सड़कें उच्च कोटि की होनी चाहिए. वहीं इन शहरों में रोजगार केक समुचित प्रबंध होंने चाहिए साथ ही लोगों की जीवन स्तर का भी विश्लेषण किया जायेगा. शहरी विकास मंत्रालय ने यह तय कर दिया है कि देश के किस राज्य से कितने शहर स्मार्ट सिटीज प्रोजेक्ट के लिए चुने जाएंगे.
जिसमें से सबसे ज्यादा 13 स्मार्ट सिटीज उत्तर प्रदेश में होंगी. तमिलनाडु के 12 और महाराष्ट्र के 10 शहरों को स्मार्ट सिटीज के तौर पर विकसित किया जाएगा. मध्य प्रदेश के सात और गुजरात और कर्नाटक के छह-छह शहर स्मार्ट सिटी बनेंगे.कुल मिलाकर देश भर में 100 स्मार्ट सिटीज विकसित करने की योजना है, लेकिन प्राथमिकता किसे मिलेगी, ये इंटर-सिटी कंपिटिशन में शहरों के स्मार्ट सिटी प्लान पर निर्भर करेगा.