ईडी ने किया नीरव मोदी-मेहुल चौकसी के 100 करोड़ के डिपॉजिट्स और करों को जब्त

पीएनबी लोन फ्रॉड मामले में आठवें दिन भी कार्रवाई हुई। एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चौकसी के 100 करोड़ रुपए मूल्य के बैंक डिपाॅजिट्स, लग्जरी कारें और शेयर्स जब्त किए। वहीं नीरव मोदी बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के सामने भी पेश नहीं हुए।

उधर, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को हैदराबाद सेज (इस्पेशल इकोनॉमिक जोन) में गीतांजलि ग्रुप की 1200 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की।एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने नीरव मोदी की 9 लग्जरी कारें जब्त कीं। इनमें एक रोल्स रॉयस घोस्ट, एक पोर्श पैनामरा, 2 मर्सडीज बेंज GL-350 CDI, एक टोयोटा फॉर्च्युनर, 3 होंडा सिटी कार और 1 इनोवा कार।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हैदराबाद SEZ में गीतांजलि ग्रुप की 1200 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई बकाया टैक्स के रिकवरी के सिलसिले में हुई।नीरव मोदी को गुरुवार को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन वह नहीं आया। इसके लिए मोदी ने इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर को ई-मेल से जवाब दिया कि उसका पोसपोर्ट अस्थाई रूप से सस्पेंड है, वहीं कुछ बिजनेस के मामले पेंडिंग हैं, इसके चलते वह नहीं आ सकता।

सूत्रों के मुताबिक, नीरव मोदी को अब 26 फरवरी को ईडी के सामने पेश होेने को कहा गया है।बता दें कि, ईडी के समन पर इसी तरह का जवाब विजय माल्या ने भी दिया था। तब ईडी ने माल्या से नजदीकी इंडियन एंबेसी में जाकर ट्रेवल डॉक्यूमेंट लेकर भारत आने के लिए कहा था।

पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के जानकारी दी थी। घोटाला पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हु। शुरुआत 2011 से हुई। 8 साल में हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।

धोखाधड़ी की रकम 2016-17 में पंजाब नेशनल बैंक के 1,325 करोड़ के मुनाफे का 8 गुना, बैंक के 35,365 करोड़ के मार्केट कैप का एक तिहाई और 4.5 लाख करोड़ के कुल कर्ज का 2.5% है।2017 में फोर्ब्स की अमीर भारतीयों की लिस्ट में शामिल नीरव मोदी इस फ्रॉड के केंद्र में हैं। मोदी का मामा मेहुल चौकसी भी आरोपी है। चौकसी गीतांजलि ग्रुप चलाता है। ग्रुप की तीन कंपनियों गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया और नक्षत्र के खिलाफ फ्रॉड केस दर्ज हुए हैं।

नीरव के ठिकानों से ईडी ने अब तक 5649 करोड़ रुपए के जेवर जब्त किए हैं।एडवोकेट सुबोध कुमार पाठक ने बताया कि ईडी की कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉनड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत हो रही है। यह क्रिमिनल केस है। एक्ट में प्राॅविजन है कि आरोपी ने अगर टेंटेड (गलत तरीके से अर्जित) पैसे से प्रॉपर्टी या एसेट बनाया है तो उसे जब्त किया जा सकता है।

लेकिन जब तक मुकदमे पर फैसला नहीं हो जाता है, उसकी नीलामी या बिक्री नहीं हो सकती।वहीं जब्त हीरे और जेवरात पर कोई सप्लायर दस्तावेजों के आधार पर यह दावा करता है कि उसने नीरव मोदी को ये हीरे- जेवरात बिक्री के लिए दिए थे, तब मामला और पेचीदा हो जाएगा। उस शख्स का दावा सही निकला तो ये हीरे-जेवरात उसे लौटाने पड़ सकते हैं।

यह साफ नहीं है कि नीरव मोदी ने जो लोन लिए उसके बदले उसने क्या मॉर्गेज किए। चल संपत्ति (movable property) में स्टॉक, बुक ऑफ बैलेंस शीट आदि शामिल हैं। अगर मोदी ने स्टॉक मॉर्गेज किया होगा तो सरफेसी एक्ट के तहत नीलामी आसानी से हो सकती है।ऐसा नहीं हुआ तो केस खत्म होने पर ही नीलामी होगी।

इसके तहत सरकार कर्ज लौटाने के लिए नोटिस देती है। कानून के तहत 60 दिनों में भुगतान नहीं करने पर मॉर्गेज प्रॉपर्टी नीलाम की जा सकती है।हीरे-जवाहरात कारोबारियों ने बताया कि ईडी ने जिस 5600 करोड़ के माल की बरामदगी दिखाई है, वह फ्रेंचाइजी लेने वाले स्टोरों का भी हो सकता है।

फ्रेंचाइजी माल लेने से पहले भुगतान करते हैं। ऐसे में फ्रेंचाइजी को माल को वापस करना पड़ सकता है।इसके अलावा कोई सप्लायर दावा करता है कि उसने मोदी को ये हीरे-जेवरात बिक्री के लिए दिए थे, तो दावा सही निकलने पर जब्त माल लौटाना पड़ेगा।

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