राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान के राजस्व संग्रहण में वाणिज्य कर विभाग की अहम भूमिका है। संपूर्ण राजस्व का लगभग 60 प्रतिशत संग्रहण इसी विभाग द्वारा किया जाता है। इस विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में वैट एवं जीएसटी (केन्द्र से प्राप्त क्षतिपूर्ति राशि के अलावा) को मिलाकर 48 हजार 112 करोड़ रूपए का राजस्व अर्जित किया गया।
यह पिछले वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। इसमें राज्य कर सेवा के अधिकारी-कर्मचारियों की अहम भूमिका है। उन्होंने बताया कि राज्य को जो भी राजस्व से मिलता है वह राज्य के विकास और जन कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों पर खर्च किया जा रहा है।
गहलोत रविवार को कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा में राजस्थान राज्य कर सेवा संघ द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान बजट 2022-23 पूरे देश में अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।इसमें हर वर्ग का ध्यान रखा गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न एमनेस्टी योजनाएं भी लागू की हैं, जिससे राजस्व संग्रहण में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की जीडीपी 3 साल में 3 लाख रूपये बढ़ी है। यहीं विकास का प्रतीक है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राज्य में राजनीति से परे मानवीय दृष्टिकोण से राजकीय कार्मिकों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने का अहम फैसला लिया।
यह मेरी जिदंगी का यादगार क्षण रहा है। राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ और अब झारखण्ड ने भी ओपीएस लागू कर दिया है। इससे कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति के बाद भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने और पदोन्नति के अवसर बढ़ाने के लिए सेवा नियमों में संशोधन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की आर्थिक नीतियों का ही परिणाम है कि कोरोना काल के बावजूद पिछले 3 साल में प्रतिव्यक्ति आय 26.21 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 90 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को पेंशन दी जा रही है।
हर जरूरतमंद को योजनाओं का लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के 45 लाख से अधिक उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य आ रहा है। इससे उन्हें राहत मिली है।