संभवत: हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता निष्क्रिय करने में सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का डेल्टा स्वरूप सक्षम होने की वजह से अधिक संक्रामक है। कोविड-19 का स्वरूप बी.1.617.2 या डेल्टा का पहला मामला 2020 अंत में भारत में सामने आया था और इसके बाद यह पूरे वि में फैला।
अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने संक्रमण पर टीके के असर के प्रयोगशाला आधारित और महामारी विज्ञान आधारित संयुक्त प्रयोगों में पाया कि डेल्टा स्वरूप अन्य स्वरूप की तुलना अधिक तेजी से फैलता है।ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विविद्यालय के प्रोफेसर एवं अध्ययन के वरिष्ठ लेखकों में से एक रवींद्र गुप्ता ने कहा, भारत में 2021 में संक्रमण की दूसरी लहर के कहर के दौरान इन कारकों की भूमिका बहुत रही होगी, जहां कम से कम आधे मरीज वे थे, जो पहले भी संक्रमण के अन्य स्वरूप की चपेट में आ चुके थे।