दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली के लोगों की समस्याएं लगातार बढ़ने की बात कही। वहीं, आप पर लोगों को रोजगार देने के वादे को गुमराह करने वाला बताया है। दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, सीएम केजरीवाल ने 2015 के घोषणा पत्र में 5 वर्षों में 8 लाख रोजगार देने का वायदा केवल लोगों को गुमराह करने के लिए किया था, जबकि देश सहित दिल्ली में बेरोजगारी की स्थिति पिछले 75 वर्षों में सबसे खराब है और दिल्ली में बेरोजगारी दर देश की औसत से 4 गुना अधिक है।
लेकिन भाजपा और आप पार्टी 75 साल की दुहाई देती हैं।सीएम ने दिल्ली को नया शहर बनाने का दावा किया था और अपने सात वर्षों के शासन काल की उपलब्धियों में केजरीवाल ने बेरोजगारी, कोविड संक्रमण, कोविड मृत्युदर, प्रदूषण, महिला उत्पीड़न में, शराब मुहैया कराने में, विज्ञापन पर खर्च करने में, झूठ बोलने पर और दिल्ली मंत्रियों और विधायकों को जेल जाने के मामले दिल्ली को नम्बर वन बना दिया है।
दिल्ली कांग्रेस के अनुसार, आज जहां देश में बेरोजगारी दर 11.4 प्रतिशत है, वहीं दिल्ली में 45.6 प्रतिशत की बेरोजगारी दर है। इससे साफ हो जाता है केजरीवाल के शासन में दिल्ली के लगभग आधे युवा बेरोजगार हैं। केजरीवाल सरकार रोजगार निदेशालय ने 2015 से अगस्त 2020 तक सिर्फ 440 बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी है, जबकि दिल्ली सरकार में 55,000 पद खाली है जो रोजगार निदेशालय के अनुसार 84 प्रतिशत पद खाली हैं।
अनिल कुमार ने मांग की है कि सीएम दिल्ली में बढ़ती बेरोजगारी दर के अनुपात को कम करने के लिए मनरेगा की तर्ज पर शहरी गारंटी रोजगार योजना कानून तत्काल बनाए, ताकि प्रतिवर्ष अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद युवाओं को रोजगार मिल सके।