दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कोरोना की वजह से मारे गए लोगों के बच्चे खुद को अनाथ न समझें. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ऐसे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनकी परवरिश तक का खर्च उठाएगी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ऐसे परिवारों को आर्थिक मदद भी देगी.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है और ढिलाई बरतने की गुंजाइश नहीं है. केजरीवाल ने कहा कि मैं जानता हूं कि कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं उनके लिए उपलब्ध हूं.
वो अपने आप को अनाथ न मानें. सरकार उनकी पढ़ाई के साथ ही अन्य खर्च भी उठाएगी.मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं जानता हूं कि बुजुर्ग नागरिकों ने अपने बच्चों को खो दिया है. वे उनकी कमाई पर आश्रित थे. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उनका बेटा केजरीवाल जीवित है.
सरकार ऐसे सभी परिवारों की मदद करेगी जिन्होंने अपना कमाने वाला सदस्य खो दिया.केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में संक्रमण की दर घटकर 12 प्रतिशत हुई, पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के करीब 8,500 मामले दर्ज किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों में कोरोना वायरस मरीजों के लिए करीब 3,000 बेड्स उपलब्ध हैं. हालांकि आईसीयू में बेड्स अब भी लगभग भरे हुए हैं.बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोनाकाल में प्रभावित परिवारों के लिए बड़ा ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे बच्चे जिनके परिवार से पिता का साया उठ गया, कोई कमाने वाला नहीं बचा, उन्हें 5,000 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाएगी. ऐसे सभी बच्चों की शिक्षा का निशुल्क प्रबंध किया जाएगा ताकि वे अपनी पढ़ाई लिखाई जारी रख सकें.
चौहान ने कहा पात्रता न होने के बावजूद भी ऐसे परिवारों को मुफ्त राशन दिया जाएगा. अगर इन परिवारों में कोई सदस्य ऐसा है या पति नहीं रहे तो उनकी पत्नी काम धंधा करना चाहे तो उनको सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज का कर्ज काम धंधे के लिए दिया जाएगा.