सावन के पहले सोमवार पर मंदिरों और शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़

आज यानी 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण कृष्ण पक्ष तृतीया और सावन का पहला सोमवार है. हिंदू धर्म में सावन मास के साथ ही इसके सोमवार का भी विशेष महत्व होता है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.

सावन शुरू होते ही मंदिर व शिवालयों में हर-हर महादेव का उद्घोष उठने लगा. सावन के पहले दिन सोमवार को रुद्राभिषेक व जलाभिषेक किया गया. वहीं, कोरोना संकट के चलते ज्यादातर लोगों ने घर पर ही भगवान शिव कि विधि विधान से पूजा की.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेशवासियों को पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार की शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि सम्पूर्ण विश्व का कल्याण करें.

शिव की नगरी वाराणसी में सावन के सोमवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए दूर दराज से लोग आते हैं. हालांकि पिछले 2 साल से सावन के महीने में कोरोना वायरस के सक्रिय होने की वजह से श्रद्धालुओं की संख्या उतनी नहीं आ पा रही है जितनी प्रतिवर्ष आती थी.

बावजूद इसके शिव भक्तों की भारी भीड़ गंगा घाट से लेकर बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक आई हुई है.शामली जनपद के मंदिरों में जहां सावन के पहले सोमवार का पर्व मनाया जा रहा है वहीं कोरोना की दहशत भी साफ देखी जा सकती है.

मंदिरों में आने वाले भक्त जहां कोरोना से बेखबर होकर लापरवाही बरत रहे हैं तो वहीं मासूम बच्चे मास्क लगाकर मंदिरों में पहुंच रहे हैं. जबकि मंदिरों के पुजारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आ रहे हैं.

मंदिर के पुजारियों का कहना है कि अबकी बार भी सावन में कोरोना की दहशत भक्तों में साफ देखी जा सकती है.दूधेश्वर नाथ मंदिर में में रुद्राभिषेक किया गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक व पूजा के लिए मंदिर में पहुंचे.

मंदिरों में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा. मंदिर में सावन के सोमवार को कोविड गाइडलाइन का पालन सख्ती के साथ कराया जा रहा है.संभल मे आज श्रावण मास के प्रथम सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिव मंदिरों में पहुंचकर भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की.

भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए तादात में बाड़ी में भगवान शिव के प्राचीन पातालेश्वर शिव मंदिर और वेरनी के अलौकिक शिव मंदिर में पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ का तांता लगा हुआ है.

जनपद में चंदोसी तहसील के सादात बाड़ी गांव में स्तिथ सेकडों वर्ष प्राचीन पातालेश्वर शिव मंदिर और वेरनी गांव में स्थित अलौकिक प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की अटूट आस्था है. मान्यता है की शिव लिंग पर पुष्प बेलपत्र और दूध अर्पित करने के साथ झाड़ू चढ़ा ने से किसी भी प्रकार का चर्म रोग नही होता.

चर्म रोगों से पीड़ित बड़ी संख्या में लोग दूर दराज से इस मंदिर में शिवलिंग पर झाड़ू चढ़ाने आते हैं.गोरखपुर के झारखंडी शिव मंदिर में कोरोना को देखते हुए विशेष तैयारी की गई है. शिव भक्त सावन के पहले सोमवार में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

कोविड प्रोटोकाल का पालन कराते हुए दर्शन-पूजन कराया जा रहा है.इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. श्रावण मास का पहला सोमवार कुंवारी लड़कियों के लिए भी लाभकारी होता है. कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से अच्छे और सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है.

सावन माह के पहला सोमवार पर शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी लंबी लाइनें लगी हैं. सुपर मार्केट के प्राचीन जगमोहनेश्वर मंदिर में भी सुबह से भक्तों का तांता लगा है. मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव को जलाभिषेक करने वाले कि सभी मनोकामना पूरी होती हैं.

कोरोना काल के चलते इस बार मंदिर प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के साथ मास्क लगाने पर विशेष बल दिया है.सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगा. अंतिम दिन रक्षाबंधन पर्व बनाया जाएगा.  इस माह में चार सोमवार पड़ेंगे. सावन के सोमवार को श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड़ती है. महाशिवरात्रि जैसा माहौल होता है.

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