मंत्री संदीप कुमार को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.उन्हें एक महिला की शिकायत पर दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश पूनम चौधरी ने 36 वर्षीय कुमार को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने कहा कि उनसे हिरासत में पूछताछ करने की अब जरूरत नहीं रह गयी है.
पुलिस ने विधायक को न्यायिक हिरासत में भेजने को कहा था. संदीप की एक दिन की पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने पर अदालत में पेश किया गया था. पुलिस ने कहा कि निष्पक्ष जांच तथा साक्ष्यों की छेड़छाड़ से रोकने के लिए आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए.पुलिस ने गुरुवार को कुमार की पुलिस हिरासत को एक दिन बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि वह कथित आपत्तिजनक वीडियो को बनाने में प्रयुक्त किये गये वास्तविक उपकरण की बरामदगी चाहती है.
किंतु पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि उसे बरामद नहीं किया जा सका.इस बीच, कुमार की ओर से पेश हुए वकील प्रदीप राणा ने दावा किया कि जेल में विधायक के जीवन को खतरा है तथा न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें विशेष सशस्त्र पहरेदार एवं विशेष सेल दी जानी चाहिए.इस पर अदालत ने इस अर्जी को जेल अधीक्षक के पास यह कहकर अग्रसारित कर दिया कि वह जेल नियमों के आधार पर इस पर विचार करें.
सुनवाई के दौरान पुलिस ने बचाव पक्ष के वकील के उस आरोप का जवाब दिया जिसमें कहा गया कि संदीप को कथित रूप से गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया तथा जांच एजेंसी के पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है.पुलिस ने कहा कि संदीप को उनके खिलाफ पुख्ता सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया.इससे पहले अभियोजन पक्ष ने कहा था कि संदीप जांच में सहयोग नहीं कर रहे.
संदीप को तीन सितंबर को तब गिरफ्तार किया गया था जब एक महिला ने उत्तरी दिल्ली के सुल्तानपुरी पुलिस थाने में समाज कल्याण तथा महिला एवं बाल विकास महकमे के मंत्री के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी जिसके आधार पर मामला दर्ज किया गया. यह महिला मंत्री के साथ आपत्तिजनक वीडियो में दिखाई दी थी. सीडी के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने संदीप को आप सरकार से बर्खास्त कर दिया.
आप नेता के विरूद्ध भारतीय दंड सहिता की 376 (बलात्कार), 328 (अपराध करने के मकसद से नुकसान पहुंचाने) तथा आईटी कानून एवं भ्रष्टाचार निरोध कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि 11 माह पहले संदीप ने उसके साथ तब बलात्कार किया जब वह सुल्तानपुरी स्थित उसके कार्यालय में राशनकार्ड बनवाने के लिए मदद मांगने गयी थी.सुल्तानपुर माजरा से विधायक ने डीसीपी (बाहरी) के पीतमपुरा स्थित कार्यालय में पेश होकर अपना बयान दर्ज करवाया था.