पटेल जाति को सुखिर्यों में लाने वाले हार्दिक पटेल ने अपनी राजनीतिक आंकाक्षाओं को लेकर आज अटकलों को खारिज किया और कहा कि न तो वह और न ही आंदोलन में शामिल कोई व्यक्ति चुनाव लड़ेगा। हार्दिक का यह स्पष्टीकरण उस समय आया जब कुछ पटेल नेताओं ने घोषणा की है कि वे आगामी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। हार्दिक ने आरोप लगाया, ‘पी सी पटेल हमारे साथ नहीं हैं। कल उन्होंने अपनी भारतीय राष्ट्रवादी पार्टी (कि वह स्थानीय निकाय चुनाव में उतरेगी) के बारे में घोषणा की थी। जहां तक मैं जानता हूं उन्होंने अपनी पार्टी का नाम 2003 में दर्ज करवाया था। मौजूदा आंदोलन से राजनीतिक लाभ उठाने का यह उनका एक प्रयास हो सकता है।’ हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हैं जबकि पीसी पटेल का संबंध सरदार पटेल ग्रुप पटेल आरक्षण के लिए काम कर रहा है एक समानांतर संगठन से है। पीसी पटेल ने पहले हार्दिक वाले आंदोलन का समर्थन किया था ताकि प्रभावशाली पटेलों को ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जा सके।
शहर में 25 अगस्त को विशाल रैली तथा उसके बाद राज्य भर में हुई हिंसा के बाद एसपीजी नेता लालजी पटेल अलग हट गये और उन्होंने एक सामांतर आंदोलन शुरू किया। हार्दिक ने आज अपने पाटीदार समुदाय के सदस्यों से कहा कि वे ऐसे लोगों से दूरी रखें जो अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए आंदोलन का लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक दल का गठन निजी लाभों के लिए पटेल समुदाय को गुमराह करने का एक प्रयास है। पीएएएस इससे किसी भी तरह नहीं जुड़ा हुआ है। मैं लोगों से ऐसे लोगों से दूर रहने का अनुरोध करता हूं जो वोट बैंक की राजनीति करते हैं।’ हार्दिक ने कहा, ‘‘मेरी कोई राजनीतिक आकांक्षा नहीं है। मैं कोई नेता नहीं बनना चाहता। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि पीएएएस नेताओं में से कोई कभी चुनाव नहीं लड़ेगा। निर्दलीय उम्मीदवार की तरह भी नहीं।