लखनऊ दौरे पर आएंगे प्रशांत किशोर

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यूपी में अगले साल वि‍धानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस के लि‍ए ट्रि‍पल पी यानी पीके-प्लानिंग-प्रि‍यंका की स्ट्रैटजी संजीवनी का काम कर सकती है। पोल स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत कि‍शोर ने इस थ्योरी पर काम करना शुरू कर दि‍या है। प्रि‍यंका को मुख्य चेहरा बनाने की सोच रही कांग्रेस के लि‍ए यूपी में प्रशांत कम से कम 100 सीटें चाहते हैं। ऐसे में उन्होंने जाति‍गत समीकरणों के साथ ही स्थानीय समीकरणों पर भी काम करना शुरू कर दि‍या है। इसी को देखते हुए वह 21 और 22 अप्रैल को लखनऊ में रहेंगे।
 
दो दि‍वसीय दौरे के दौरान प्रशांत कि‍शोर जीत के लि‍ए समीकरणों की गणि‍त के बारे में कार्यकर्ताओं को बताएंगे।कांग्रेस के वोट बैंक में ब्राहमण, दलि‍त और मुस्‍लि‍म पर वि‍शेष ध्‍यान दिया जाएगा।प्रशांत भी इस बात को बखूबी जानते हैं कि महज 11 फीसदी ब्राहमण वोटों से चुनाव नहीं जीता जा सकता है।इन वोटों को एकजुट करने के साथ दलि‍त और मुस्‍लि‍म वोटों को कांग्रेस के पक्ष में करना भी जरूरी है।
 
 दरअसल, इसके पहले प्रशांत की कांग्रेसी कार्यकर्ताओं मांगी गई जानकारि‍यों को लेकर कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ता उलझन में हैं।स्‍थानीय कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि प्रशांत ने मुख्य संगठन से 20, मोर्चों से दो-दो नाम, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की ओर से कार्यकर्ताओं के नाम मांगे थे।इसके लिए उन्‍हें प्रत्‍येक सीट पर 32 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सूची तैयार करनी पड़ी थी।
जि‍नके नाम दि‍ए गए हैं, उन्‍हें विधानसभा चुनाव तक पार्टी के लिए काम करना पड़ेगा।ऐसे में सबको साथ लेकर चलना कठिन है, क्योंकि नई टीम के तैयार होने से चुनाव के दौरान पूर्व में गठित बूथ और ब्लॉक कमेटियों के आपस में टकराने की संभावना रहेगी।कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पदाधि‍कारि‍यों की इसी उलझन को प्रशांत दूर करने की कोशिश करेंगे।दो दि‍वसीय बैठक में प्रशांत के अलावा प्रदेश प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री और प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री शामि‍ल होंगे।

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