यूपी के अयोध्या में रामराज्य रथ यात्रा को 13 फरवरी को हरी झंडी दिखाएंगे CM योगी

13 फरवरी से महाशिवरात्रि पर्व पर अयोध्या में रामराज्य रथ यात्रा की शुरुआत होगी. यह रथ यात्रा अयोध्या से निकलकर रामेश्वरम तक जाएगी. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया गया है, जो इस यात्रा को अयोध्या से हरी झंडी दिखा सकते हैं. रामराज्य रथ यात्रा का आयोजन श्रीराम दास मिशन यूनिवर्सल सोसाइटी कर रही है.

ये बातें संस्था के श्री शक्तित शांतानंद महर्षि व पराग बुआ रामदासी ने कहीं. आपको बता दें कि आज से उच्चतम न्यायालय राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन मालिकाना विवाद मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगा.श्री शक्तित शांतानंद महर्षि ने बताया कि आगामी 13 फरवरी को सुबह 10 बजे से दोपहार एक बजे तक कारसेवकपुरम् में महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में और महंत कमल नयन दास के मार्गदर्शन में संत सभा का आयोजन किया गया है.

इस सभा में बड़ी संख्या में संत-धर्माचार्य उपस्थित रहेंगे. उसके बाद दोपहर 2 से 4 बजे तक रामराज्य रथ यात्रा का उद्घाटन समारोह होगा. 4 बजे से कारसेवकपुरम् से रथ यात्रा शुरू होगी, जो कारसेवकपुरम् से होते हुए नयाघाट मुख्य मार्ग से फैजाबाद जाएगी.इसी तरह फैजाबाद से नंदीग्राम भरतकुंड में रथयात्रा का पहल विश्राम होगा.

41 दिन की इस रथ यात्रा के दौरान नियोजित स्थानों पर प्रतिदिन शोभा यात्रा एवं राम राज्य सम्मेलन अयोजित होगा. सभी हिन्दू संगठनों के सहयोग से चलने वाली राम राज्य रथ यात्रा का समापन सम्मेलन 24 एवं 25 मार्च को श्रीपद्भनाथ स्वामी मंदिर त्रिरूअनन्तपुरम् केरल में स्वामी सत्यानंद सरस्वती नगरी मैदान में होगा. 

श्री शक्तित शांतानंद महर्षि ने कहा कि रामराज्य रथ यात्रा का मुख्य उद्देश्य श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर का निर्माण करवाना है. उन्होंने कहा कि हमने इस धरती पर रामराज्य की पुर्नस्थापना के उद्ददेश्य से इस रथ यात्रा का आयोजन किया है. इसके अलावा वो साप्ताहिक अवकाश को रविवार की जगह गुरिवार करने और विश्व हिंदू दिवस का ऐलान किए जाने की मांग सरकार के सामने रखना चाहता हैं. 

आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन मालिकाना विवाद मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर महत्वपूर्ण सुनवाई आज से शुरू करेगा. यह सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा अन्य की इस दलील को खारिज किया था कि याचिकाओं पर अगले आम चुनावों के बाद सुनवाई हो.

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