नागरिकों की भलाई धार्मिक दबाव के आगे नहीं झुक सकती : सुप्रीम कोर्ट

बकरीद के मौके पर व्यवसायी संघ के लिए कोविड प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के केरल सरकार के फैसले की सुप्रीम कोर्ट ने खिंचाई की। इस दौरान कोर्ट ने सरकार को नागरिकों की भलाई पर ध्यान देने के मद्देनजर कांवड़ यात्रा के संबंध में उनके दिशा-निदेशरें का पालन करने को कहा।

न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन और बीआर गवई ने कहा हम बस यही कह सकते हैं कि यह काफी हैरान कर देने वाली स्थिति है। कैटेगरी डी (उच्च पॉजिटिविटी रेट वाले इलाके) में एक दिन के लिए भी छूट देना पूरी तरह से गलत है।

उनके मुताबिक, धर्म या किसी और मुद्दे के मद्देनजर किसी भी समूह का दबाव नागरिकों के जीवन के मौलिक अधिकार में हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।याचिकाकर्ता की ओर से शीर्ष अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने बकरीद के लिए कोविड प्रतिबंधों में ढील देने के केरल सरकार के फैसले को चुनौती दी है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शीर्ष अदालत को इस मामले में कोई आदेश पारित करना चाहिए क्योंकि आज कोविड के प्रतिबंधों में ढील का आखिरी दिन है।जस्टिस नरीमन ने इस पर जवाब देते हुए कहा कोई तुक नहीं बनता। सारी चीजें पहले ही तय कर ली गई है।

जस्टिस नरीमन ने आगे कहा कि अगर याचिका पहले दायर की जाती, तो कुछ किया भी जा सकता था। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार द्वारा बकरीद के लिए कोविड प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के संबंध में जारी अधिसूचना को रद्द करने का कोई आदेश पारित नहीं किया।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *