मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पीने पर परिणाम भुगतना ही होगा.उन्होंने साफ कर दिया है कि जो भी व्यक्ति बिहार में शराब पीएगा उसे परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि आज शराबबंदी के सख्त प्रावधानों पर उंगली उठाने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने इसे विधानसभा से पास कराया, लेकिन आज सिर्फ राजनीति के चलते इसमें खामियां गिनाने में लगे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब को लेकर जिन राज्यों में पाबंदी है, वहां सिर्फ प्रतीकात्मक है.लेकिन बिहार में ऐसा नहीं है और न ऐसा होने दिया जायेगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश और झारखंड में शराबबंदी की अपनी मुहिम की चर्चा करते हुए कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश और झारखंड की सरकारों से शराबबंदी लागू करने की अपील की, लेकिन वे लोग साहस नहीं जुटा सके.
उन्होंने कहा कि उनका सार्वजनिक रिकार्ड पारदर्शी रहा हैं और जब मैंने लोगों से वादा किया है तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने को भी तत्पर हूं.विधानसभा चुनाव से पूर्व एक सरकारी कार्यक्रम में वादा किया था कि यदि वे दुबारा सत्ता में आते हैं तो राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे. यह काफी कठिन कार्य था लेकिन शासन में कोई भी चीज आसान नहीं होती .
शराबबंदी को लेकर इससे भी मुश्किल यह था कि इससे पहले कभी भी सफलतापूर्वक लागू नहीं किया जा सका था. यह एक तथ्य किसी और से अधिक शराब लॉबी के लिए चीयर्स करने वाला था लेकिन मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया.बिहार ने शराबबंदी लागू करने के लिए ठोस पहल की गयी है. इस दिशा में नया आबकारी विधेयक, 2016 एक निर्णायक कदम है.