किसान आंदोलन के फिर खुले समर्थन में आये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरु गोविंद सिंह के चार बेटों व माता गुजरी की शहादत पर दिल्ली सरकार की पंजाब एकेडमी द्वारा सिंघु बॉर्डर पर आयोजित कीर्तन दरबार में हिस्सा लिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों काले कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई अब आर-पार की हो चुकी है। किसान अपनी खेती बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में बैठे हैं।

भाजपा किसानों से जमीन छीन कर अपने पूंजीपति दोस्तों को देने के लिए ये काले कानून लाई है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश दो हिस्सों में बंटा हुआ है। एक वो हैं, जो करोड़ों किसानों को नुकसान पहुंचा कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं और दूसरे वे हैं, जो इन करोड़ों किसानों के साथ खड़े हैं।

केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार को चुनौती देता हूं कि वो तीनों बिलों पर खुली बहस करा लें, ताकि बिल की सच्चाई पूरे देश के सामने आ जाए। केजरीवाल ने कहा मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि किसानों की मांगों को पूरी करते हुए तीनों काले कानून वापस ले लो।

आप और कितनी शहादत लेना चाहते हो? किसानों को आतंकवादी, राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है। किसान आतंकवादी, राष्ट्रद्रोही हो गए, तो पेट कौन भरेगा? उन्होंने कहा कि 70  साल से किसानों को सबने धोखा दिया है।

इन तीनों कानूनों के जरिए किसानों की खेती भी छीनना चाहते हैं। प्रधानमंत्री उनकी खेती अपने दो-चार बड़े-बड़े पूंजीपति दोस्तों को देना चाहते हैं। अगर किसान की खेती भी चली गई, तो वे कहां जाएंगे? जब खेती चली जाएगी और खेतों पर बड़ी-बड़ी कंपनियों का अधिकार हो जाएगा, तो किसान के पास कुछ भी नहीं बचेगा।

केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार और किसान नेताओें के बीच बहस की चुनौती देता हूं। केंद्र सरकार कानूनों को वापस लेकर एमएसपी की गारंटी दे और उसके लिए कानून लेकर आए।

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