शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप बोले कि सिर्फ 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर लीक हुआ था। इसकी 25 अप्रैल को दोबारा परीक्षा ली जाएगी। लेकिन उन्हाेंने 10वीं गणित का पेपर देशभर में लीक होने से इनकार किया। और कहा कि देशभर में इसकी दोबारा परीक्षा नहीं ली जाएगी। जरूरत पड़ी तो सिर्फ दिल्ली, एनसीआर और हरियाणा में फिर से परीक्षा होगी।
यहां परीक्षा लेनी भी है या नहीं इसका फैसला 15 दिन में जांच पूरी होने के बाद होगा।वहीं, नई बात सामने आई। भोपाल के एक रीडर ने फेसबुक पेज पर 10वीं मैथ्स का वही पेपर साझा किया था जो लीक होकर सर्कुलेट हो रहा था। ये असली पेपर जैसा ही था। वहीं, झारखंड के चतरा में भी 10वीं के स्टूडेंट्स पर एफआईआर हुई।
पटना से भी कुछ लोग हिरासत में लिए गए। दिल्ली पुलिस भी कह रही है कि 10 वॉट्सऐप ग्रुप्स के जरिए लीक हुए पेपर देशभर में सर्कुलेट हुए थे।लीक केस मामले की शुरुआत सीबीएसई 12वीं की एग्जाम से हुई थी। पहले खबरें आईं कि 13 दिन पहले अकाउंट्स का पेपर वाॅट्सअप पर सर्कुलेट हुआ था।
लेकिन 26 मार्च को इकोनॉमिक्स और 27 मार्च को मैथ्स का वह पेपर लीक हुआ जो हूबहू अगले दिन एग्जाम में आए असली पर्चे जैसा ही था।पेपर लीक करने का तरीका एक जैसा था। पेपर के सारे सवाल हाथ से लिखे गए और उसे वॉट्सएप पर सर्कुलेट कर दिया गया। शक परीक्षा सेंटर के स्टाफ पर है।
10वीं के 16.38 लाख और 12वीं के 8 लाख स्टूडेंट्स पर असर।केंद्रीय शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने कहा- 10वीं के मैथ्स का लीक हुआ पेपर केवल दिल्ली और हरियाणा तक सीमित था। अगर मैथ्स की दोबारा परीक्षा कराई गई तो ये केवल दिल्ली और हरियाणा में ही होंगी। हम इस पर अगले 15 दिन में फैसला लेंगे। अगर परीक्षा दोबारा हुई तो ये जुलाई में होगी।
अभी हमारी पहली चिंता बच्चों को लेकर है, जो परेशान हो रहे हैं। ये फैसला भी उन्हीं के लिए लिया गया है। जिस भी शख्स ने ये काम किया है, हम उसे बख्शेंगे नहीं।भोपाल के एक टीचर ने बताया कि 27 मार्च की आधी रात को मैथ्स का पेपर उनके कुछ स्टूडेंट्स के पास पहुंचा। स्टूडेंट्स ने उन्हें यह पेपर दिखाया। टीचर को शक हुआ तो उन्होंने पेपर के फोटो भास्कर से साझा किया।
अगली सुबह यानी 28 मार्च को मैथ्स को जो पेपर आया, वह लीक हुए पेपर जैसा ही था। अब टीचर यह सवाल उठा रहे हैं कि जब भोपाल तक पेपर पहुंच चुका था तो दिल्ली-हरियाणा में री-एग्जाम कराने का क्या लॉजिक है?झारखंड के चतरा में शुक्रवार को ही सीबीएसई 10वीं के चार छात्रों के खिलाफ पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज की गई।
यानी लीक हुआ पेपर झारखंड तक भी पहुंचने का शक है। बिहार से भी कुछ लोग हिरासत में लिए गए हैं।सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली के मुताबिक, मैथ्स और इकोनॉमिक्स का पेपर देशभर में दोबारा होना चाहिए। दरअसल सीबीएसई ने इसी साल देशभर में एक ही पेपर कराने शुरू किए हैं। इससे पहले हर रीजन के हिसाब से पेपर के सेट अलग-अलग होते थे।
अगर वैसा ही सिस्टम होता तो एक रीजन में पेपर लीक होने का असर देशभर के छात्रों पर नहीं पड़ता।2006 और 2011 में पेपर लीकहोेने का असर संबंधित रीजन पर ही पड़ा था।दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 10 वॉट्सऐप ग्रुप्स को आईडेंटिफाई किया है। इन ग्रुप्स में 50-60 मेंबर हैं। पुलिस सूत्रों का यह भी कहना है कि पेपर लीक होने के तार हरियाणा के सोनीपत और यूपी के बुलंदशहर से भी जुड़े हो सकते हैं।
सीबीएसई 10वीं के कोच्चि के स्टूडेंट रोहन मैथ्यू ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर मैथ्स का पेपर रद्द करने और एग्जाम दोबारा कराने के सीबीएसई के फैसले को चुनौती दी है।पेपर लीक मामले में अब तक पुलिस ने 2 एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, 18 स्टूडेंट्स और पांच कोचिंग सेंटर संचालकों समेत 40 लोगों से पूछताछ की गई है।
लेकिन अभी तक पुलिस को पेपर लीक करने वाले असली आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है।दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने दावा किया कि सीबीएसई का सिर्फ मैथ्स और इकोनॉमिक्स नहीं, बल्कि सभी पेपर लीक हुए थे।पिछले दिनों किसी शख्स ने सीबीएसई की चेयरमैन अनीता करवाल को एक मेल भेजा था। इसमें हाथ से लिखे लीक पेपर्स की फोटो अटैच्ड थीं। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि किस शख्स ने ये मेल भेजा था। इसके लिए क्राइम ब्रांच ने गूगल से संपर्क किया है।